Friday, 2 August 2024

स्वैग और कूल लुक

 





28 जुलाई को महिलाओं का 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक दक्षिण कोरिया की 16 वर्षीया टीनएजर हो ये जिन ने ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ जीता,लेकिन सुर्खियों में आईं रजत पदक विजेता दक्षिण कोरिया की ही 31 वर्षीया किम ये जिन।

30 जुलाई को मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा  के रोचक और संघषपूर्ण मुकाबले में स्वर्ण पदक जीता सर्बिया के ज़ोराना अरुनोविच और दामिर मिकेच ने,लेकिन दर्शकों के चहेते बने रजत पदक जीतने वाली तुर्की टीम के यूसुफ देकिक।

खिर दो स्वर्ण पदक विजेताओं के स्थान पर रजत पदक विजेता दर्शकों और सोशल मीडिया पर इस कदर प्रसंशित और लोकप्रिय हो रहे हैं तो क्यों?


रअसल ये इन खिलाड़ियों की देहभाषा और उनका स्वैग है जो उन्हें इस कदर चर्चित और लोकप्रिय बनाता है।  खेल इस कदर तकनीकी, शक्ति युक्त और स्पर्धात्मक हो गये हैं और खिलाड़ियों पर जीत का दबाव इतना ज्यादा हावी हो गया कि खिलाड़ियों के चेहरे बहुत अधिक गंभीर और तनावयुक्त रहते हैं। उनके शरीर के मूवमेंट इस कदर मशीनी हो गए कि उनके चेहरों पर और उनकी देह भाषा में कोई सहजता दिखाई देती ही नहीं। 

ब किम ये जिन शूटिंग रेंज में निशाना साधती हैं तो उनकी देह भाषा में एक खास तरह का स्वैग होता है। चेहरे पर सहज आत्म विश्वास होता है और एटीट्यूड में अजब सी लापरवाही। यूसुफ  देकिक एक कदम और आगे बढ़ जाते हैं। उनका स्वैग एक अलग स्तर पर पहुंच जाता है। वे एक खेल में प्रयुक्त होने वाले आधुनिक सुरक्षा उपकरणों यथा स्पेशल लैंस, आई गार्ड और ईयर प्रोटेक्टर तक का प्रयोग नहीं करते। उनको देखकर ऐसा लगता है मानो वे सुबह घूमने आए हों और शूटिंग करने लगे हों। एकदम सहज और स्वाभाविक। बिना किसी तनाव के।

रअसल ऐसे ही खिलाड़ी खेल की आत्मा को पकड़ते हैं। वे खेलों के मशीनी और यांत्रिक होने और मानवीय तत्व की कमी से जो रिक्तता उत्पन्न होती है वे अपने स्वैग से उस रिक्तता का भरते हैं। 

इसीलिए वे दर्शकों को बेहद आकृष्ट भी करते हैं और एक दीर्घावधि के लिए उनकी स्मृति का हिस्सा भी बन जाते हैं।





No comments:

Post a Comment

अकारज_22

उ से विरल होते गरम दिन रुचते। मैं सघन होती सर्द रातों में रमता। उसे चटकती धूप सुहाती। मुझे मद्धिम रोशनी। लेकिन इन तमाम असंगतियां के बीच एक स...