Monday, 5 August 2024

पेरिस ओलंपिक 2024_14






पेरिस ओलंपिक में एक और वैसा ही दिन जैसे अब तक बीत रहे हैं। अपने खिलाड़ियों से बेशुमार उम्मीदें,जी जान लड़ा देने वाले खिलाड़ी और बस जरा सा चूक जाने वाले नतीजे। कल भी जीत की खुशी कम हार का दुख अधिक। एक बांछे खिला देने वाली जीत और कई दिल तोड़ देने वाली हार।

शुरुआत हॉकी से। पेरिस में आने से पूर्व भारतीय हॉकी टीम ने तैयारी के तौर पर विदेशी दौरे किए और कई टूर्नामेंट में भाग लिया था। वहां टीम का प्रदर्शन जिस तरह का रहा था,उससे ऐसा लग नहीं रहा था कि भारत की टीम इस बार अपना पिछला प्रदर्शन भी दोहरा पाएगी। लेकिन पेरिस की धरती पर कदम रखते ही भारतीय हॉकी टीम की देह भाषा ही बदल गई। वे विजेता की तरह खेलने लगे  और विजेता की तरह दीखने लगे हैं।

 ग्रुप ऑफ डेथ कहे जाने वाले ग्रुप बी में वे विश्व नंबर एक टीम और पिछली ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम के बाद दूसरे स्थान पर रहे। क्वार्टर फाइनल में शान से पहुंचे। फिर इंग्लैंड को हराया। शान से सेमीफाइनल में पहुंचे।

भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच यवेस-डु-मनोइर स्टेडियम में खेले गए पुरुष हॉकी के क्वार्टरफाइनल मैच में पहला गोल हरमनप्रीत सिंह ने 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया। लेकिन इंग्लैंड के ली मॉर्टन ने दूसरे क्वार्टर के समाप्त होने से ठीक दो मिनट पहले स्कोर बराबर कर दिया।

अमित रोहिदास को 17वें मिनट में रेड कार्ड दिखाया गया और मैदान से बाहर भेज दिया गया। बचे हुए 47 मिनट भारत ने 10 खिलाड़ियों के साथ खेला। उसमें भी दो मिनट हरे कार्ड के कारण एक और खिलाड़ी को बाहर किया गया और 9 खिलाड़ी के साथ भी खेला। लेकिन भारत ने शानदार डिफेंस का प्रदर्शन किया। और रेगुलर टाइम बिना गोल खाए एक एक गोल के स्कोर पर समाप्त किया। जिस तरह से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार आक्रामक खेल दिखाया था आज उसी तरह के डिफेंस का प्रदर्शन किया।

उसके बाद शूट आउट में भारत ने ब्रिटेन को 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली।

शूटआउट में भारत के लिए हरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राज पाल कुमार ने गोल किया और ग्रेट ब्रिटन के लिए जेम्स अलबेरी और चैक वाललेस ने गोल किए।

एक दूसरे क्वार्टर फाइनल में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम की टीम स्पेन से 3-2 से हार गई। इस मैच में सभी पांच गोल दूसरे हाफ में किए गए। पहला गोल 40वें मिनट में स्पेन के जोस मारिया बस्तेरा ने किया। लेकिन बेल्जियम के आर्थर डी स्लोओवर ने एक मिनट बाद ही गोल कर बराबरी कर ली। चौथे क्वार्टर में 55वें मिनट में मार्क रेन ने फिर स्पेन को बढ़त दिला दी। दो मिनट बाद 57वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से मार्क मिरालेस ने गोल कर स्कोर 3- 1 कर दिया।

इसके एक मिनट बाद ही अलेक्जेंडर हेंड्रिकक्स  की मदद से बेल्जियम ने एक गोल कर स्कोर 3- 2 कर मैच को रोमांचक बना दिया। लेकिन इसी स्कोर पर मैच समाप्त हुआ। अब अंतिम चार में उनका मुकाबला नीदरलैंड या ऑस्ट्रेलिया से होगा। जबकि भारत का मुकाबला अर्जेंटीना और जर्मनी के बीच मैच के विजेता से होगा।

लेकिन जिस समय हॉकी में भारत के खिलाड़ी शानदार जीत हासिल कर रहे थे, ठीक उसी समय भारत के खिलाड़ी दो बहुत ही निराशाजनक हार का सामना कर रहे थे।

बैडमिंटन के सेमीफाइनल में भारत के लक्ष्य सेन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन से दो सीधे सेटों में लेकिन संघर्ष पूर्ण मैच में  20-22, 14-21 से हार गए। लक्ष्य सेन ने दोनों गेमों में अच्छी बढ़त बना ली थी। एक्सेलसन ने पहले गेम में 15-9 से पिछड़ने के बाद और दूसरे गेम में 7-0 से पिछड़ने के बाद भी दोनों गेम जीत लिए। पहले मैच में तो लक्ष्य ने तीन गेम प्वाइंट भी गंवाए। अब कल ला चैपल एरिना में विक्टर अपने ओलंपिक खिताब के बचाव के लिए थाईलैंड के कुनलावुत विदितसर्न से भिड़ेंगे। जबकि लक्ष्य सेन कांस्य पदक के लिए मलेशिया के ली जी जिया से भिड़ेंगे। लक्ष्य सेन के पास अभी भी ओलंपिक में पुरुष एकल बैडमिंटन में भारत के लिए पहला पदक जीतने का मौका है।

भारत के लिए दूसरी दिल तोड़ने वाली हार मुकेबाजी में आई। टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली बॉक्सर लोबलीना बोर्गोइन की रही। उन्हें महिलाओं के 75 किग्रा के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में चीन की ली कियान के खिलाफ स्प्लिट डिसीजन से हार का सामना करना पड़ा। दोनों मुक्केबाज शुरू से ही आक्रामक रहीं। लेकिन ली कियान ने अपने बेहतरीन जैब्स का इस्तेमाल करते हुए पहला राउंड अपने नाम किया। अगले दो राउंड में लोबलीना थोड़ा रक्षात्मक हो गईं जिसका फायदा ली कियान ने उठाया और मुकाबला जीत लिया। लोबलीना बोर्गोइन ने अपने अभियान की शुरुआत नॉर्वे की सुनिवा हॉफस्टेड पर 5-0 की जीत के साथ की थी। अगर वे ये बाउट जीत लेती तो उनका पदक पक्का हो जाता।

शूटिंग में भी कल का दिन भारत के लिए निराशाजनक रहा। 22 वर्षीय भारतीय शूटर विजयवीर सिद्धू पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में नौवें स्थान पर रहे और फाइनल में जगह बनाने में चूक गए। उन्होंने प्रिसिजन और रेपिड फायर के दो चरणों के बाद कुल 583-26x का स्कोर किया जो छठे स्थान से सिर्फ दो अंक दूर हैं। केवल शीर्ष छह निशानेबाज ही फाइनल में पहुंचते हैं। पहले राउंड के बाद विजयवीर पांचवें स्थान पर रहे और लग रहा था कि फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं। इस स्पर्धा में ही भाग ले रहे दूसरे भारतीय निशानेबाज अनीश भानवाला भी फाइनल में जगह बनाने में असफल रहे। वे 13वें स्थान पर रहे।

महिलाओं की स्कीट स्पर्धा में माहेश्वरी चौहान और रायजा ढिल्लों दोनों भारतीय निशानेबाज भी फाइनल में जगह बनाने में चूक गईं। वर्तमान एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता माहेश्वरी की चौथे दौर के अंत तक फाइनल में पहुंचने की संभावना बनी हुई थी। पर अंतिम राउंड में तीन निशाने चूक जाने के बाद, 22/25 का स्कोर कर वे कुल 118/125 के स्कोर के साथ 14वें स्थान पर रहीं। जबकि रायजा 113/125 के स्कोर के साथ 23वें स्थान पर रहीं।

भारत के अनंत जीत सिंह नरूका भी शनिवार को पुरुष स्कीट फाइनल में जगह नहीं बना सके थे।

एथलेटिक्स में भी भारतीय एथलीट अच्छा प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे। पांच हजार मीटर दौड़ के बाद पारुल चौधरी तीन हजार मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा की हीट 1 में आठवें स्थान पर रहीं और फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। लेकिन 29 वर्षीय पारुल ने स्टेड डी फ्रांस अपना सीज़न का सर्वश्रेष्ठ समय 9:23.39 दर्ज किया। पारुल महिलाओं की तीन हजार मीटर स्टीपलचेज और पांच हजार मीटर दोनों स्पर्धाओं में नेशनल रिकॉर्ड धारक हैं। 

उधर लंबी कूद में जेसविन एल्ड्रिन क्वालिफिकेशन ग्रुप बी में 7.61 मीटर की बेस्ट छलांग के बाद ग्रुप के 16 खिलाड़ियों में 13वें स्थान पर रहे। वे 8.15 मीटर के क्वालीफिकेशन स्टैंडर्ड को पार करने में विफल रहे और ना ही दोनों ग्रुप के शीर्ष 12 खिलाड़ियों में भी आए। वे कुल मिलाकर 26वें स्थान पर रहे और फाइनल में जगह नहीं बना सके

सेलिंग में भारतीय प्रतिभागी विष्णु सरवनन ने  पुरुषों की डिंगी स्पर्धा में रेस 8 में निराशाजनक प्रदर्शन कर 24 वें स्थान पर रहे। वे अब आठ रेस के बाद चार स्थान नीचे खिसककर 18वें स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने अब तक आठ रेसों में कुल 148 यानी 114 नेट प्वाइंट हासिल किए हैं।

उधर टेनिस के पुरुष एकल के ड्रीम फाइनल में सर्बिया के 37 वर्षीय नोवाक जोकोविच ने स्पेन के 22 वर्षीय कार्लोस अल्कराज को दो घंटे 50 मिनट तक चले मुकाबले में 7-6(3), 7-6(2) से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। वे अब गोल्डन स्लैम पूरा वालों में शुमार हो गये हैं। यहीं एकमात्र ऐसा खिताब था जो जोकोविच से दूर था। बीजिंग 2008 के कांस्य पदक विजेता और 24 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन जोकोविच ने रोलाँ गैरों में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। 37 साल की उम्र में, वह 1988 में मिलोस्लाव मेकिर (स्लोवाकिया) के बाद यह खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए। जोकोविच अब सभी चार ग्रैंड स्लैम, सभी एटीपी मास्टर्स, डेविस कप और ग्रीष्मकालीन खेलों में स्वर्ण पदक जीत जीत चुके हैं। पिछले माह ही विंबलडन 2024 के फाइनल में जोकोविच को हराने वाले अल्काराज अपना प्रदर्शन दोहराने में असफल रहे। इस स्पर्धा का कांस्य पदक इटली के मुसेटी ने जीता।

महिला टेनिस एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की क्वीनवेन झेंग ने क्रोशिया की डोना बेकिच को 6-2,6-3 से हराकर जीता। 

कल दिन की समाप्ति पर पदक तालिका में पहली बार अमेरिका चीन को पीछे छोड़कर शीर्ष पर काबिज हुआ। उसने कुल 71 पदक जीते हैं जिसमें 19 स्वर्ण, 26 रजत और 26 कांस्य पदक शामिल हैं। अब दूसरे स्थान पर चीन आ गया है। उसने 19 स्वर्ण 15 रजत और 11 कांस्य पदक सहित कुल 45 पदक जीते हैं। जबकि मेज़बान फ्रांस तीसरे स्थान पर है। उसने 12 स्वर्ण 14 रजत और 18 कांस्य सहित कुल 44 पदक जीते हैं। भारत तीन कांस्य पदकों के साथ 57वें स्थान पर खिसक गया है।

और चलते चलते ये कि 

एक,ओलंपिक के दिग्गज देशों और दिग्गज एथलीटों के बीच छोटे से कैरेबियन द्वीप सेंट लूसिया की जूलियन अल्फ्रेड ने महिलाओं की 100 मीटर की दौड़ का स्वर्ण पदक जीत लिया है। उन्होंने 10.72 सेकंड में रेस पूरी कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ओलंपिक में सेंट लूसिया का ये अब तक का पहला पदक है। उल्लेखनीय है कि सेंट लूसिया की आबादी दो लाख से भी कम है। बारिश की वजह से गीले ट्रैक पर ये रेस संपन्न हुई। विश्व चैंपियन और रेस की प्रबल दावेदार शा'कैरी रिचर्डसन ने 10.87 सेकंड के साथ रजत पदक और अमेरिका की ही मेलिसा जेफरसन ने 10.92 सेकंड के साथ कांस्य पदक जीता।

दो, और उधर इवान लिट्विनोविच पेरिस ओलंपिक में न्यूट्रल प्लेयर के रूप में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए है। वे बेलारूस के हैं। लेकिन उनका यह मेडल उनके देश के खाते में नहीं जुड़ेगा। उन्होंने जिमनास्टिक की ट्रैंपोलिन स्पर्धा में ये पड़ जीता। इस स्पर्धा का पिछला गोल्ड भी उन्होंने ही जीता था। इस स्पर्धा का रजत चीन के वांग जिसाई और कांस्य भी चीन के यान लंग्यू ने जीता है। इतना ही नहीं मेडल लेते समय ना ही उनके देश का झंडा दिखाया गया और ना ही राष्ट्रगान बजा। रूस यूक्रेन युद्ध के चलते इन दोनों  देशों के खिलाड़ियों को न्यूट्रल खिलाड़ी के रूप में भाग लेने की अनुमति अंतररराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने दी है। इसके तहत 15 रूसी और 17 बेलारूसी एथलीट पेरिस ओलंपिक में भाग ले रहे हैं।




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