Thursday, 8 August 2024

कितनी खूबसूरत छवियों का सुंदर कोलाज़ है ये लड़की

 


कुछ लड़कियां खुद को 'नीर भरी दुःख की बदली' मानते हुए दुःख को अपनी नियति मानकर पस्त हो जाती हैं। लेकिन सब लड़कियां ऐसी कहां होती हैं। उनमें से कुछ ऐसी होती हैं जो दुख के रूबरू खड़ी हो जाती हैं। वे ताल ठोंककर उनसे मुकाबिल होती हैं। उनसे लड़ती हैं। मुकाबला करती हैं। उनकी आंखों में आँखें डालकर उनका सामना करती हैं। वे कहती हैं हम हम टूट सकते हैं। पर झुक नहीं सकते।

रअसल वो दुखों से संघर्ष करती है,अपने प्रतिद्वंदियों से लड़ती है और उनके सीनों में किसी धांस सी गड़ जाती है। वे बेचैनी में जितना उसे सताते हैं, वो उतनी और नुकीली हो उनके सीने में गहरी धंसती जाती है।

विनेश फोगाट एक ऐसी ही लड़ाका है। योद्धा है।

वो एक ऐसी योद्धा है जो कितने मोर्चों पर एक साथ लड़ती है। जिंदगी में दुखों से। खेल के मैदान में विपक्षी खिलाड़ियों से। और सड़कों पर दुराचारियों,अराजक तत्वों,पुलिस और सरकारी अमले से। पर हार किसी से नहीं मानती।

जिस तरह के संघर्ष, बाधाओं और चुनौतियों को पार कर वो ओलंपिक तक की यात्रा करती है और वहां अपराजेय जापानी पहलवान को हराकर फाइनल तक पहुंचती है, वो यात्रा एक ऐसा प्रेरक आख्यान बन जाती है, जो आगे भविष्य में ना जाने कितनी लड़कियों को प्रेरित करती रहेगी।

दक किसी की योग्यता की एक पहचान भर ही तो है। गर पदक ना भी मिले तो क्या फर्क पड़ता है। विनेश के ऐसे जीवट,साहस और संघर्ष पर एक तो क्या सैकड़ों पदक कुर्बान की किए जा सकते हैं।

ये लड़की एक खिलाड़ी भर नहीं है, अनवरत संघर्ष और अदम्य साहस का रूपक है। एक प्रेरक आख्यान है। अंधेरे में जलती लौ है। अन्याय का प्रतिपक्ष है। काबिलियत का प्रतीक है। और इतनी सारी खूबसूरत छवियों का एक सुंदर कोलाज़ है ये लड़की।

इस लड़की को ढेर सारी मोहब्बत पहुंचे।


                                                  

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