पेरिस ओलम्पिक अब अपनी समाप्ति की और तेजी से अग्रसर है। ओलम्पिक में परछाइयां बढ़ने लगी हैं। वातावरण में जीत और खुशी की तमाम चहचहाटों के बीच उदासी की हल्की सी नमी महसूस होने लगी है। भारत के लिए भी ओलम्पिक लगभग सम्माप्त हो चुका है। बस इंतजार है तो विदा की बेला का।
विदा की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। समापन समारोह में मनु भाकर भारत की ध्वज वाहक होंगी,इसकी घोषणा तो पहले ही की जा चुकी है। भारतीय ओलंपिक संघ ने अब निश्चय किया है कि मनु भाकर के साथ भारत के लीजेंड्री गोलकीपर श्रीजेश भी मनु के साथ सह ध्वज वाहक होंगे। आपकी स्मृति में अभी होगा कि भारत ने अभी अभी अपना हॉकी का शानदार अभियान कांस्य पदक पर खत्म किया है। इस जीत में श्रीजेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। अब श्रीजेश में अपने लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को विराम दे दिया है और सक्रिय हॉकी से सन्यास ले लिया है। इस की घोषणा करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा 'श्रीजेश ने दो दशकों से अधिक समय तक विशेष रूप से भारतीय हॉकी और भारतीय खेल की सराहनीय सेवा की है।'
जाते जाते भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने भारतीय दल को एक और खुशी का मौका दे दिया है। उन्होंने शुक्रवार को पुरुषों की कुश्ती के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कांस्य पदक मुकाबले में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का पांचवां कांस्य और कुल मिलाकर छठा पदक था। अपना पहला ओलम्पिक खेल रहे अमन भारत के एकमात्र पुरुष पहलवान और पेरिस में देश के पहले कुश्ती पदक विजेता रहे। अमन पिछले साल के एशियाई चैंपियन और एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता थे।
कांस्य पदक मुकाबले में अमन ने पहले राउंड में करीबी मुकाबले में 6-4 की बढ़त ले ली। और दूसरे राउंड में और बढ़त बनाकर अमन ने क्रूज को सात अंकों से हराकर अपना दबदबा बनाए रखा।
पेरिस में भारत के लिए कुश्ती में पहला पदक हासिल करने के बाद, वह 21 साल और 24 दिन की उम्र में ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत के सबसे कम उम्र के पदक विजेता बन गए।
अब वे दिल्ली के कुश्ती के लिए प्रसिद्ध छत्रसाल अखाड़े से ओलंपिक कुश्ती पदक विजेताओं की सूची में सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, रवि कुमार दहिया और बजरंग पुनिया के साथ शामिल हो गए।
लेकिन गोल्फ और एथलेटिक्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
गोल्फ में अदिति अशोक और दीक्षा डागर अब काफी नीचे खिसक गई हैं। दूसरे राउंड के बाद 14वें स्थान पर थीं। दिन की शुरुआत T14 से करने वाली अदिति अशोक ने तीसरे राउंड में 7 ओवर पार का स्कोर दर्ज किया और कुल 6 ओवर 222 के स्कोर के साथ स्टैंडिंग में T40 पर खिसक गईं।
जबकि दीक्षा डागर ने आज 8 ओवर पार का स्कोर किया और अब वे रैंकिंग में 7 ओवर 223 के कुल स्कोर के साथ T14 से T42 वें स्थान पर पहुंच गई हैं।
पदक की दौड़ में शामिल होने के लिए भारतीय खिलाड़ियों को जोड़ी को आज चौथे दौर में 15 शॉट से अधिक के अंतर को पाटना होगा जो बहुत दुष्कर कार्य है।
एथलेटिक्स में 4x400 मीटर दौड़ में भारत की महिला पुरुष दोनों टीमों ने पहले राउंड में हिस्सा लिया। लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा और दोनों ही टीमें अगले दौर में प्रवेश नहीं कर सकीं।
पुरुषों की भारत की रिले टीम में मुहम्मद अनस, मुहम्मद अजमल, अमोज जैकब और राजेश रमेश शामिल थे। इन चारों ने 3:00.58 मिनट का समय निकाला जो उनका सीजन बेस्ट था। वे हीट में पांचवें नंबर पर रहे और कुल रैंकिंग में 10वें नंबर पर।
महिलाओं की 4×400 मी रिले टीम भी पहले दौर की हीट में भाग लेने वाले 16 देशों में 15वें स्थान रही और अगले दौर में क्वालीफाई करने में असफल रही। विथ्या रामराज, ज्योतिका श्री दांडी, एमआर पूवम्मा और सुभा वेंकटेशन की चौकड़ी ने 3:32.51 का समय निकाला और हीट में आठवें स्थान पर रही।
पदक तालिका में कल 14वें दिन की समाप्ति पर भी अमेरिका शीर्ष पर बना हुआ है। उसने कुल 111 पदक जीते हैं जिसमें 33 स्वर्ण, 39 रजत और 39 कांस्य पदक शामिल हैं। दूसरे स्थान पर चीन बना हुआ है। उसने 33 स्वर्ण 27 रजत और 23 कांस्य पदक सहित कुल 83 पदक जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है। उसने 18 स्वर्ण 16 रजत और 14 कांस्य पदक सहित कुल 48 पदक जीते हैं। जबकि मेज़बान फ्रांस अब चौथे से भी नीचे खिसक कर छठे स्थान पर पहुंच गया है पर है। उसने 14 स्वर्ण 20 रजत और 22 कांस्य सहित कुल 56 पदक जीते हैं। जापान चौथे पर और ग्रेट ब्रिटेन पांचवे स्थान पर हैं। भारत एक रजत और पांच कांस्य पदकों के साथ 69वें स्थान पर है।
और चलते चलते ये कि
खेल दुनिया को खूबसूरत बना सकते हैं। वे बनाते भी हैं। अब देखिए ना कितने उदाहरण हैं खिलाड़ियों के जो खेल के मैदान में कड़े प्रतिद्वंदी हैं। लेकिन मैदान के बाहर कदम रखते ही दोस्त बन जाते हैं। गलबहियां करते मिल जाते हैं। कैरोलिना मारन और पी वी सिंधु की प्रतिद्वंदिता और दोस्ती के बारे तो हम जानते हैं लेकिन उनकी एक और प्रतिद्वंदी ने एक शानदार जेस्चर का प्रदर्शन किया। महिला एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में कैरोलिना चीन की ही बिंग जियाओ के विरुद्ध खेल रहीं थीं कि उन्हें चोट लग गई और वे मैच से हट गईं। बिंग जियाओ फाइनल में पहुंच गईं। लेकिन पोडियम पर पदक वितरण समारोह के समय है बिंग जियाओ ने खूबसूरत जेस्चर का प्रदर्शन किया।उन्होंने पोडियम पर भी कैरोलिना को समान देने के लिए वे पोडियम पर स्पेन के फ्लैग लिए हुई थीं।
और फिर कल जैवलिन थ्रो स्पर्धा के बाद जैसा सद्भाव और प्रेम का निश्चल प्रदर्शन हुआ वो बिरले ही देखने को मिलता है। आप जानते हैं नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम अच्छे दोस्त है और मैदान में सबसे बड़े प्रतिद्वंदी। इस बार नदीम ने स्वर्ण जीता और नीरज ने रजत पदक जीता। लेकिन इस हार जीत से परे इन दोनों खिलाड़ियों की मांओं ने सहज और निश्चल अभिव्यक्ति दी वो अद्भुत और दिल छू लेने वाली है। नीरज की मां ने कहा-'हम खुश हैं। हमारे लिए तो रजत भी गोल्ड के बराबर है। गोल्ड जीतने वाला भी हमारा ही लड़का है। वो मेहनत करता है।' उधर पाकिस्तान में नदीम की मां ने कहा -'हार और जीत तो किस्मत का खेल है। वो भी मेरा बेटा है। अल्लाह उसे कामयाब करे। उसे भी माडल जीतने की तौफीक अता करे। वो मेरे बेटा जैसा है। वो नदीम का दोस्त भी है। भाई भी है।'
दरअसल खेल की मूल भावना, उसकी बेसिक स्प्रिट ही यही है- प्रेम,सद्भाव,मैत्री,सहयोग,आपसी भाई चारा।
खेल ज़िदाबाद,खिलाड़ी जिंदाबाद,खेल भावना जिंदाबाद।
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