टोक्यो ओलंपिक की ऊंची कूद की स्पर्धा में इटली के जियानमार्को तंबेरी और कतर के मुताज बर्शिम दोनों ने 2.37 मीटर ऊंची छलांग लगाई और अंततः स्वर्ण पदक साझा करने को सहमत हो गए। ये अपने आप में अभूतपूर्व घटना थी। इसके बाद वे दोनों खिलाड़ी गले मिलकर रो रहे थे। ये टोक्यो ओलंपिक का सबसे खूबसूरत दृश्य था किसी सुंदर कविता जैसा।
वही जियानमार्को पेरिस ओलंपिक में भी एक कविता रच रहे थे। इस बार सचमुच की कविता।
वे इस बार इटली के ध्वज वाहक थे। ओपनिंग सेरेमनी के दौरान उनकी वेडिंग रिंग उनकी उंगली से गिरकर सीन नदी में गिर गई।
इस पर क्षमा मांगते हुए उन्होंने अपनी पत्नी चियारा बॉमटेंपी तांबेरी के लिए इंस्टा पर एक पोस्ट लिखी -
'मुझे दुख है प्रिय, बहुत दुख ।
बहुत ज़्यादा पानी, पिछले कुछ महीनों में बहुत अधिक परिश्रम से वजन का कम होना और परेड का अत्यधिक उत्साह, शायद ये ही तीन तथ्य हैं। वो (वेडिंग रिंग) फिसली। परेड करते हुए मैंने उसे उड़ते देखा। मैंने उसको नज़र भर देखा, जब तक वो नाव में गिरकर उछल नहीं गई। उम्मीद की एक किरण जैसी। लेकिन दुर्भाग्य से उछाल गलत दिशा में था। वह केवल वहीं जाना चाहती थी। मैं उसके लिए इससे बेहतर स्थान की कल्पना नहीं कर सकता।
अगर मुझे सचमुच इसे खोना पड़े तो मैं इससे बेहतर जगह की कल्पना नहीं कर सकता। यह प्यार के शहर की नदी के तल में हमेशा के लिए रहेगी। जब मैं दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण खेल आयोजन के उद्घाटन समारोह के दौरान इतालवी तिरंगे को जितना संभव हो उतना ऊपर ले जाने की कोशिश कर रहा था, वह उड़ चली।
मुझे लगता है कि कल की गलती का एक काव्यात्मक पक्ष हो सकता है। तुम चाहो तो हम तुम्हारी रिंग भी उसी नदी में फेंक देंगे ताकि वे दोनों हमेशा साथ रहें। तब हमारे पास एक और बहाना होगा,जैसा तुमने हमेशा कहा है कि हम कुछ नई प्रतिज्ञा करें और फिर से शादी करें।
इसका खोना शुभ संकेत भी हो सकता है कि हम और अधिक स्वर्ण (पदक) लेकर घर लौटें।'
ये माफीनामा नहीं। ये प्रेम का दीवान है।
जितनी खूबसूरत उनकी सूरत है उतनी ही खूबसूरत उनकी सीरत है।
क्या ही कमाल है कि जब वे मैदान में होते हैं केवल तब ही ऊंची उड़ान नहीं भर रहे होते हैं बल्कि जब वे जब प्यार में होते हैं, तब भी कल्पना की ऊंची उड़ान भरते हैं। वे ऊंचे बार को पार करने में अपने शरीर से ही कविता नहीं लिखते,वे कागजों पर सचमुच की कविता भी लिखते हैं।
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ऐसे ही लोगों से खेल ही नहीं दुनिया भी कुछ और खूबसूरत बनती है।
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