Wednesday, 24 July 2024

पेरिस ओलंपिक खेल 2024_04:नवाचार और चुनौतियां





पेरिस शहर। दुनिया का सबसे खूबसूरत शहर। सपनों का शहर। प्रेम का शहर। रोशनी का शहर। फैशन का शहर। कला और साहित्य का शहर। स्थापत्य का शहर। एक शहर जिसने इतिहास मिटते देखा और इतिहास बनते देखा। शहर जिसके चप्पे चप्पे में आर्थिक और सांस्कृतिक वैभव के निशान बिखरे पड़े हैं। एक शहर जो आर्थिक वैभव की रोशनी से नहाया हुआ है। एक शहर जो सांस्कृतिक वैभव की रोशनी से गुलज़ार है। एक ऐसा शहर कला, साहित्य व अन्य क्षेत्रों में ना जाने कितने नवाचारों का, नए नए आंदोलनों का साक्षी रहा,केन्द्र रहा। स्वप्न सरीखा शहर। स्वप्नों का शहर। शहर जिसने उत्कृष्टता के नए शिखर बनाए,नए पैमाने गढ़े।

सपनों के इसी शहर में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक दुनिया के कोने कोने से 10500  खेल कलाकार 32 खेलों की 329 स्पर्धाओं में अपने कौशल और प्रतिभा की रोशनी से ना केवल इस शहर को बल्कि विश्व भर को चकाचौंध कर देंगे। यहां 19 दिनों तक वे अपने सपनों को साकार करेंगे और रचेंगे उत्कृष्टता के नए पैमाने। और इसके लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देंगे। वे सब 'सिटियस,अल्टियस,फोर्टियस ' के इस महायज्ञ में अपने कला कौशल और योग्यता की आहुति देंगे और करेंगे खुद को साबित कुछ और अधिक तेज, कुछ और अधिक ऊंचा, कुछ और अधिक शक्तिशाली

फ्रांस की राजधानी पेरिस ठीक सौ साल बाद फिर से ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रही है।

यहां इससे पहले 1924 में  ओलंपिक खेल हुए थे। वो इन खेलों का 07वां आयोजन था और ये 33वां।

ये शहर बना ही नए पयोगों और नवाचारों के लिए। कला से लेकर साहित्य तक और अर्थ से लेकर राजनीति तक नए प्रयोगों और नवाचारों का शहर है ये। फिर ऐसा कैसे ही सकता है कि इस शहर में इतना बड़ा खेल आयोजन हो और उनमें कुछ नवीनता ना हो। नए प्रयोग ना हों। 

1924 के ओलंपिक खेलों में भी इस शहर ने कुछ नवीन परंपराएं स्थापित की और पुरानी को छोड़ा था। और इस बार भी ऐसा ही होने जा रहा है।

1924 में जब पेरिस में ओलंपिक खेल आयोजित किए जा रहे थे तो ये दूसरा अवसर था कि पेरिस में ओलंपिक खेल हो रहे थे। इससे पहले 1900 में दूसरे ओलंपिक खेल भी पेरिस में ही हुए थे। इस प्रकार 1924 में पेरिस दुनिया का पहला शहर बन रहा था जिसे दो बार इन ओलंपिक खेलों के आयोजन का गौरव प्राप्त हुआ।

1924 के पेरिस ओलंपिक में पहली बार रेडियो रेडियो पर इन खेलों का सजीव प्रसारण किया गया था।

इतना ही नहीं इन खेलों में  पहली बार खेल गांव बनाया गया था और सारे खिलाड़ी एक साथ इस खेल गांव में रुके थे।

समापन समारोह के आयोजन की परंपरा भी इन्हीं खेलों से आरम्भ हुई जिसमें ओलंपिक कमेटी के अलावा मेजबान और अगले मेजबान देश का ध्वजारोहण किया गया था।

इन खेलों में पहली बार आयरलैंड को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता और भाग लेने की अनुमति दी गई थी और आयरलैंड ने पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया।

और ये भी कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के पियरे दी कुबर्टीन के निर्देशन में ये अंतिम ओलंपिक खेल थे।

नवाचारों की ये परंपरा ये शहर अभी भी बदस्तूर निभा रहा है। बहुत कुछ इस बार भी नया होने जा रहा है।

इस बार के खेलों का सबसे बड़ा प्रयोग उद्घाटन समारोह में होने जा रहा है। इस बार का उद्घाटन समारोह स्टेडियम में ना होकर सीन नदी पर होगा। इसमें दर्शकों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होगा। प्रत्येक देश की टीम एक बोट पर होगी जिस पर कवरेज के लिए कैमरे लगे होंगे। ये बॉड लगभग 6किमी का फासला तय करेंगी।

 ये अब तक के पहले खेल होंगे जिसमें पुरुष और स्त्री खिलाड़ियों की संख्या एकदम बराबर होगी। पचास पचास फीसद।

एक बात ये भी कि ये खेल बहुत अधिक सस्टेनेबल होंगे। इसके लिए नए ढांचों का निर्माण नहीं किया गया है। बल्कि पहले से स्थापित स्ट्रक्चर्स को ही सुदृढ़ कर उन्हें प्रयोग में लाया जा रहा है। या फिर कुछ अस्थायी ढांचों का निर्माण किया गया है जिन्हें इस आयोजन के लिए ही बनाया जा रहा है।

जिस समय पेरिस को खेल आयोजन का अधिकार मिला था उस समय उसने चार नए खेलों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव किया था। ये खेल थे-स्केटबोर्डिंग,सर्फिंग, स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग और ब्रेकिंग (ब्रेक डांस)। इनमें से पहले तीन तो टोक्यो में ही शामिल कर लिए गए थे और इस बार भी इन्हें शामिल किया गया है। जबकि ब्रेकिंग पहली बार ओलंपिक खेलों में शामिल किया जा रहा है।

ज्यादातर खेल तो पेरिस और उसके उपनगरों वर्साइल,सेंट डेनिस,ले बोर्गेट, नैनटरे,वेरेस सुर मोर्ने में आयोजित किए जाएंगे। लेकिन कुछ खेल पेरिस से काफी दूर स्थित जगहों पर भी आयोजित किए जाएंगे। मसलन बास्केटबॉल और हैंडबॉल का आयोजन पेरिस से 225 किमी दूर लिली में होगा जबकि नौकायन प्रतियोगिता और कुछ फुटबॉल मैच भूमध्यसागरीय शहर मार्साइल में खेले जाएंगे जो पेरिस से 777 किमी दूर है। फुटबॉल के मैच पांच अन्य शहरों में भी आयोजित किए जाएंगे जिसमें लीग क्लब के गृह मैदान नीस,बोर्डो, लियोन,सेंट एटीन और नैनटेस ।

सर्फिंग की प्रतियोगिता तो पेरिस से 15717 किमी दूर फ्रेंच पोलिनेशिया के गांव ताहुपोहो में होंगी।

इन खेलों के आयोजकों का दावा है कि ये खेल अधिक हरित,अधिक स्वच्छ और अधिक सुरक्षित होंगे। लेकिन इसी के चलते ही शायद एक बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया है।  तमाम मानवाधिकार संगठन और एनजीओ ये आरोप लगा रहे हैं कि सुरक्षा और साफ सफाई की बिना पर उन क्षेत्रों से अस्थाई रूप से निवास कर रहे निर्धन लोगों को जिनमें से आधे से अधिक शरणार्थी हैं और जो सड़कों पर रहते हैं,को बेदखल किया जा रहा है जहां पर्यटकों के आने की संभावना है और जो क्षेत्र खेल आयोजन स्थलों के आसपास हैं। हालांकि आयोजकों ने इन आरोपों का खंडन किया है। 

विवाद और चिंताएं और भी है। इजरायल और हमा युद्ध के चलते इजरायल को भाग लेने की अनुमति विवाद का एक बड़ा मुद्दा है और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते रूस और बेलारूस की टीमों को तटस्थ दल के रूप में अनुमति दिया जाना भी विवाद का विषय है। इसके अलावा पर्यावरण संबंधी मुद्दे, खिलाड़ियों और दुनिया भर से आने वाले खिलाड़ियों के लिए मूलभूत ढांचे और सुविधाओं की उपलब्धता जैसे मुद्दे और चिंताएं मौजूद हैं। एक बड़ा मुद्दा सड़कों पर सदियों से सड़क पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को खेलों के शुरू होने से पहले हटाने का मुद्दा भी है और गर्म मौसम भी खिलाड़ियों और आयोजकों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है।

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चुनौतिया और चिंताएं चाहे जैसी हो,इन खेलों के भव्य और सफल आयोजन के बारे में शायद ही किसी को संदेह होना चाहिए।




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