Tuesday, 7 April 2020

अकारज_1

एक लंबी प्रेम कथा
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उसने उससे कहा "इन छुटियों में मैं गाँव नहीं जाऊंगा। यहीं रहकर पढ़ाई करूंगा।"
(दरअसल वो कहना चाहता था कि वो उससे दूर कहीं नही जाना चाहता।)

उसने अपनी नोटबुक के आखरी सफे पर कुछ लिखा और छोटी सी परची थमा कर चली गई।

उसमें लिखा था "तुम जाओ मैं तुम्हें रोज़ खत लिखूंगी"

वो चला गया और कभी नहीं लौटा।

ये उसके जीवन का इकलौता कभी खत्म ना किए जाने वाला 'प्रेम पत्र' था।

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अकारज 23

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