Tuesday, 27 July 2021

टोक्यो ओलंपिक डायरी_3




26 जुलाई 2021

टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धाओं का तीसरा दिन। 

कहते हैं चमक चाहे जितनी भी तेज क्यों ना हो धीरे धीरे मद्धिम होती जाती है बशर्ते उस चमक को कायम रखने का प्रयास ना किया जाय या फिर उसमें कुछ और जोड़ ना दिया जाय। प्रतिस्पर्धाओं के पहले ही दिन मीराबाई चानू ने रजत पदक की जो चमक भारतीयों के दिलों में बिखेरी थी वो मद्धिम पड़ने लगी है,क्योंकि भारतीय खिलाड़ी उसे आगे बढ़ाने में नाकामयाब होते दीख रहे हैं। शाम होते होते भारत के झोले में सिर्फ एक जीत जमा हो पाई।

कल दिन की शुरुआत तो बहुत ही पॉजिटिव नोट से हुई। फेंसिंग यानी तलवारबाजी में आज की शुरुआत सीए भवानी देवी ने जीत से की। वे इतिहास की निर्मिति तो पहले ही कर चुकी थीं। फेंसिंग एक ऐसा खेल है जिसमें पहली बार किसी भारतीय खिलाड़ी ने क्वालीफाई किया था। ये भवानी देवी थीं। वे फेंसिंग की साब्रे स्पर्द्धा में प्रतिभाग कर रहीं थीं। पहले दौर के मैच में उन्होंने आसानी से ट्यूनीशिया की नादिया अजिज़ी को 15-3 अंकों से हराया। अगले दौर में उनका मुक़ाबला विश्व नंबर तीन फ्रांस की मेनन ब्रूनेट से था। इस मैच में भी उन्होंने अच्छा खेल दिखाया। पर 7-15 से हार गयीं। और उनका सफर यहीं खत्म हुआ।

टेबल टेनिस में वेटेरन खिलाड़ी और चार बार के ओलंपियन अंचत शरथ कमल ने आज खेले गए पुरुषों के दूसरे दौर के मैच में पुर्तगाल के  टियागो अपोलोनिया को 4-2 से हराकर तीसरे दौर में प्रवेश किया। अगले दौर में उनका मुकाबला वर्तमान चैंपियन मा लांग से होगा। टेबल टेनिस में भारत की बस यही चुनौती बची है। बाकी दोनों महिला खिलाड़ी अपने मैच हार गईं।  तीसरे दौर के मैच में मोनिका बत्रा का मुकाबला 10वीं वरीयता प्राप्त ऑस्ट्रिया की सोफिया पोल्कानोवा से था। लेकिन मोनिका सीधे सेटों में 0-4 से हार गईं। वे हार भले ही गई हों पर वे भी एक इतिहास बना गयीं। वे ओलंपिक में टेबल टेनिस में तीसरे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी थीं। आज दूसरे दौर के एक अन्य मैच में सुतीर्था बैनर्जी पुर्तगाल की फु यू से सीधे सेटों में 0-4 से हार गईं।

तीरंदाजी की पुरुष टीम स्पर्द्धा में भारत की तिकड़ी अतनु दास,प्रवीण जाधव और तरुणदीप राय ने प्री क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान की टीम को 6-2 से हराया। लेकिन क्वार्टर फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त टीम दक्षिण कोरिया से सीधे सेटों में 6-0 से हार गए। दक्षिण कोरिया ने इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक ताइपे को हराकर जीता। ताइपे को रजत और जापान को कांस्य पदक मिले।

बैडमिंटन में आज चिराग शेट्टी और ऋत्विक रेड्डी का मुकाबला इंडोनेशिया की केविन संजया सुकमूलजी और मार्कस फर्नाल्दी गिदोन की विश्व नंबर एक जोड़ी से था। नंबर एक जोड़ी की तेजी और आक्रामक खेल का भारतीय जोड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। हालांकि उन्होंने पहले मैच में जोरदार संघर्ष किया पर अंततः वे ये मुक़ाबला 13-21 और 12-21 से हार गए। वे अभी भी ग्रुप ए से आगे बढ़ सकते हैं अगर वे अपने अगले मैच में इंग्लिश जोड़ी को हरा देते हैं और ताइपे जोड़ी इंडोनेशिया से हार जाती है तो।

उधर टेनिस में सुमित नागल का दूसरे दौर में मुकाबला विश्व नंबर 2 डेनिल मेदवेदेव से था। वे इस मुकाबले बड़ी आसानी से  सीधे सेटों में 2-6 और 1-6 से हार गए। इसी के साथ टेनिस में भी भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी।

निशानेबाजों ने आज भी निराश किया। स्कीट स्पर्द्धा में कल भारत के मेराज अहमद खान 75 शॉट्स के बाद 26वें और अंगद वीर सिंह बाजवा 11वें स्थान पर थे। आज पूरे हुए क्वालीफाइंग मुकाबले में वे फाइनल में प्रवेश करने में नाकामयाब रहे। अंगद 18वें और मेराज 25वें स्थान पर रहे। इस इवेंट का स्वर्ण पदक अमेरिका के विंसेंट हैनकॉक ने जीता जबकि इसी स्पर्धा का महिलाओं का खिताब भी अमेरिका की एम्बर इंग्लिश ने जीता।

मुक्केबाजी में भी आज भारत को निराशा हाथ लगी। पुरुषों के मुकाबले में आज मिडिलवेट वर्ग में पहले ही दौर में आशीष कुमार चीन के ई तोहीता से 0-5 से हार गए। पहले ही दौर मे हारने वाले वे तीसरे भारतीय मुक्केबाज थे।

सेलिंग में यूं तो बहुत ज़्यादा अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी और अच्छा प्रदर्शन रहा भी नहीं। पुरुषों की एकल दिंघि लेजर स्पर्धा में भारत के विष्णु सरवनन दूसरी रेस में 20वें और तीसरी रेस में 24वें स्थान पर रहे। जबकि महिला वर्ग की एकल दिंघि लेज़र रेडियल स्पर्धा में नेत्रा कुमानन तीसरी रेस में 15वे और चौथी रेस में 40वें स्थान पर रही।

टोक्यो ओलंपिक में भारत की और से क्वालीफाई करने वाले एकमात्र तैराक साजन प्रकाश थे। आज 200 मीटर बटर फ्लाई स्पर्धा में 24वें स्थान पर रहे और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके।

दिन ढलते ढलते भारतीय उम्मीदें भी ढलने लगी थी।शाम होते होते मानो आज के दिन की उम्मीदों की भी सांझ हो गई हो। इस सांझ को नाउम्मीदी की रात में बदलने का जो काम कल पुरुषों की हॉकी टीम ने किया था वो आज महिलाओं की हॉकी टीम ने किया। आज के भारत का अभियान महिला हॉकी टीम की हार से समाप्त हुआ। वे अपने पूल मैच में जर्मनी से 0-2 से हार गई। हालांकि भारतीय महिलाओं ने कड़ा संघर्ष किया और शानदार खेल दिखाया। पर आज टीम का दिन नहीं था। एक शॉट बार से टकरा गया। एक पेनाल्टी स्ट्रोक  जाया हुआ। मानों गेंद ने गोल में जाने से ही इनकार ही कर दिया हो। यदि आज भाग्य ने टीम का साथ दिया होता तो शायद परिणाम कुछ और होता। लेकिन परिणाम परिणाम होता है वो किंतु परंतु नहीं देखता।

जितना ये सच है कि परिणाम किंतु परंतु नहीं देखता उतना ही ये भी सच है कि योग्यता उम्र नहीं देखती। उसके लिए उम्र एक गिनती भर होती है। स्केट बोर्डिंग ओलंपिक में पहली बार शामिल किया गया। इस स्पर्द्धा का महिला वर्ग का खिताब जीता जापान की 13 वर्ष और 330 दिन की मोमीजी निशिया ने। वे स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की जापानी खिलाड़ी बन हैं। यहां कमाल की बात ये है कि इस स्पर्धा का रजत पदक ब्राज़ील की रायसा लील ने जीता। वे मात्र 13 साल और 202 दिन की हैं। और ये भी कि आज पुरुषों की निशानेबाजी की स्कीट स्पर्द्धा में कांस्य पदक जीतने वाले कुवैत के अब्दुल्ला-अल-रशीदी बस 57 वर्ष के हैं।

ये भी खबर ओलंपिक से ही है कि सर्बिया के जोकोविच गोल्डन ग्रैंड स्लैम प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ गए हैं। आज उन्होंने जर्मनी के जान लेनार्ड स्टफ को हराकर पूर्व क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। वे स्टेफी ग्राफ के बाद गोल्डन ग्रैंड स्लैम करने वाले दूसरे खिलाड़ी होंगे।

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तो आज भारत का भाग्य भी एक वेटेरन 4 बार के ओलंपियन 39 वर्षीय अंचत शरथ कमल के कंधे बैठा। कल भारतीय दल के भाग्य का ऊंट किस करवट बैठता है  उसके लिए कल का इतंजार।

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