Saturday, 31 July 2021

टोक्यो ओलंपिक डायरी_7


30 जुलाई,2021

टोक्यो ओलंपिक 

प्रतिस्पर्द्धाओं का सातवां दिन।


धैर्य और प्रतीक्षा दो ऐसे शब्द हैं जिन्हें यदि आप तवज्जो देते हैं तो वे भी आपको बहुत कुछ बदले में देते हैं। पहले दिन के मीराबाई चानू के एक रजत पदक के बाद 6 दिन का लंबा इंतजार और उसके बाद एक और पदक पक्का हुआ। कुछ और पदकों की और कदम कुछ और आगे बढ़े। एक ऐसा दिन मानो वो अपने पूर्ववर्ती दिन को दोहरा रहा हो। पहले दिन मेरी कॉम की हार और फिर महत्वपूर्ण सफलताएं और आज दीपिका की हार और फिर पदक की आस ही आस।

      भारत ने आज अपने अभियान की शुरुआत 25मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा से की। कल प्रिसिजन राउंड के बाद मनु भाकर 5वें और राही सरनोबत 18वें स्थान पर थीं। आज इस स्पर्धा का रैपिड फायर राउंड था। उम्मीद थी कम से कम मनु इसमें बेहतर करेंगी और शायद पदक की उम्मीद बन सके। लेकिन निशानबाजों ने एक बार फिर निराश किया। रैपिड राउंड में मनु 15वें स्थान पर राही 31वें स्थान पर रही। कभी कभी जिनसे सबसे ज़्यादा उम्मीद होती है वे ही सबसे ज़्यादा निराश करते हैं।निशानेबाजों ने ऐसा ही किया।

       भारत को दूसरा झटका दीपिका कुमारी की हार से लगा। दीपिका विश्व नंबर एक हैं और कुछ दिन पहले ही उन्होंने विश्व खिताब जीता था। वे भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीदों में एक थीं। आज उन्होंने अपने पहले प्री क्वार्टर फाइनल के एक कड़े मुकाबले में रूस की सेनिया पेरोवा को शूट ऑफ में  6-5 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया और पदक की उम्मीद को थोड़ा और आगे बढ़ाया। यहां उनका मुकाबला दक्षिण कोरिया की अन सान से था। लेकिन दीपिका उनके सामने नहीं टिक सकी और सीधे सेटों में 0-6 से हार गईं और भारत की उम्मीद भी। यहां उल्लेखनीय है कि सान अन ने इस स्पर्धा  का स्वर्ण पदक रूस की ई. ओसीपोवा को हराकर जीता।

       इस समय तक दुख के बादल छंट चुके थे और भारत के भाग्य का सूरज चमकने लगा था।  मुक्केबाजी में लोवलीना बोरगोइन रिंग में चाइनीज ताइपे की एन चिन चेन के सामने थीं। लोवलीना इससे पहले चेन से चार बार परास्त हो चुकी थीं। दरअसल ये ही उनका सबसे बड़ा संबल और जीत का शस्त्र थीं।  वे अपने को प्रूव करना चाहती थीं और उन्होंने किया। आज उन्होंने अपने दमदार मुक्कों से अपनी प्रतिद्वंदी को टिकने नहीं दिया और आसानी से 4-1 से हरा दिया। इस जीत के साथ ही वे सेमी फाइनल में पहुंच गईं हैं और उनका कांस्य पदक पक्का हो गया। लवलीना अब सेमीफाइनल में बुधवार को अपने तमगे का रंग बदलने के लिए विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से भिड़ेंगी। लेकिन भारत की एक और मुक्केबाज सिमरनजीत कौर इतनी भाग्यशाली नहीं रहीं और महिलाओं की 60 किग्रा वर्ग के प्री क्वार्टर फाइनल में थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी के खिलाफ 0-5 से अपना मुकाबला हार गईं।

         भारतीय महिला हॉकी टीम लगातार तीन मैच हारने के बाद आज अपने चौथे पूल मैच में  आयरलैंड से खेल रही थी और उसने एक कड़े मुकाबले में आयरलैंड को 1-0 से हराकर टोक्यो ओलंपिक में अपनी पहली जीत दर्ज की। भारत के लिए नवनीत कौर ने 57वें मिनट में विजयी गोल किया। इस मैच को जीतकर भारत ने अपनी क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को बरकरार रखा है। इससे पहले भारत को मिले 14 पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। भारत को तीन मैचों में करारी हार के बाद भारत को इस मैच में हर हालत में जीत दर्ज करनी थी। भारतीय खिलाड़ियों ने गोल करने के कई मौके बनाये लेकिन फिनिश नहीं कर सकीं।

         उसके बाद शाम को पुरुषों ने भी अपने आखिरी पूल मैच में मेजबान जापान को एक रोमांचक मैच 5-3 से हराकर चार जीत और एक हार के साथ पूल में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वो अब नॉक आउट दौर में पहुंच गई है। क्वार्टर फाइनल में अब भारत का मुकाबला ग्रेट ब्रिटेन से होगा।

        भारत के लिए बैडमिंटन में सिंधु ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी  रखा। सिंधु रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता हैं और वर्तमान विश्व चैंपियन भी। आज क्वार्टर फाइनल में उनका मुक़ाबला विश्व नंबर 5 जापान की अकीने यामागुची से था। ये एक कठिन मुकाबला माना जा रहा था। लेकिन सिंधु इस समय जबरदस्त फॉर्म में हैं और यहां भी उन्होंने पहला सेट 21-13 से आसानी से जीत लिया और उसके बाद दूसरे सेट में 15-10 से बढ़त ले ली। यहां सिंधु ने अपनी एकाग्रता खोई और यामागुची ने वापसी की। पहले स्कोर 15-15 बराबर किया और उसके बाद यामागुची के पास 20-18 पर दो गेम पॉइंट थे। यहां पर सिंधु ने लगातार चार अंक बनाकर 22-20 से ये गेम जीत लिया और मैच भी। अभी तक सिंधु एक भी सेट नहीं हारी हैं। अब सेमी फाइनल में उनका मुकाबला विश्व नंबर एक चाइनीज ताइपे की ताई जू यिंग से होगा। उन्होंने अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में थाईलैंड की इंतानोन रत्चानोक को 14-21,21-18,21-18 से हराया।

             आज से ओलंपिक खेलों की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा आकर्षण एथेलेटिक्स स्पर्धाएं भी आरंभ हुईं। लेकिन इन स्पर्धाओं में भारत का प्रदर्शन फीका रहा। स्प्रिंटर दुती चंद 100 मीटर महिला स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। दुती चंद अपनी हीट्स  में 11.54 सेकंड के समय के साथ सातवें  स्थान पर रहीं। एम पी जाबीर पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ के पहले राउंड में सात खिलाड़ियों में आखिरी स्थान पर रहे। वह 50.77 सेकंड का ही समय निकाल सके और अपना सर्वश्रष्ठ प्रदर्शन भी नहीं दोहरा सके। उनका अपना सर्वश्रेष्ठ समय उन्हें सेमी फाइनल में आसानी से पहुंचा सकता था। एथलीट अविनाश साबले पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज के पहले राउंड में सातवें स्थान पर रहे। लेकिन उन्होंने अपने  सर्वश्रेष्ठ समय निकाला और नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। 4×400 मिक्स्ड रिले दौड़ में भारतीय टीम पहले राउंड की दूसरी हीट में  आठवें स्थान पर रही। उसने 3 मिनट 19.93 सेकंड का समय लिया जो इस सीजन का उनका सर्वश्रेष्ठ समय था पर अगले राउंड के लिए पर्याप्त नहीं था।

        गोल्फ में अच्छी शुरुआत के बाद आज अनिर्बान लाहिड़ी दूसरे राउंड के बाद संयुक्त रूप से 20वें स्थान पर आ गए।जबकि पहले राउंड के बाद वे  आठवें स्थान पर थे  जबकि दूसरे भारतीय गोल्फर उदयन माने 59वें स्थान पर हैं। घुड़सवारी में फवाद मिर्ज़ा ईवेंटिंग ड्रेसेज व्यक्तिगत स्पर्धा में दो सत्रों के बाद 7वें स्थान पर रहे।

टोक्यो ओलंपिक से कुछ और खबरें। 

  1. विश्व नंबर एक सर्बिया के नोवाक जोकोविच का गोल्डन ग्रैंड स्लैम का सपना अंततः सेमी फाइनल में टूट गया। सेमीफाइनल में उन्हें जर्मनी के ज्वेरेव ने 1-6,6-3,6-1 से हरा दिया। फाइनल में ज्वेरेव रूस के खाचारोव से खेलेंगे। जबकि युगल स्पर्धा का स्वर्ण क्रोअशिया के निकोला मेक्टिक और मेट पेविक ने अपने ही देशवासी मारिन सिलिच और इवोन डोडिच को 6-4,3-6,10-6से हराकर जीता।
  2. एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक इथियोपिया के सेलेमोन बरेगा 10 हज़ार मीटर पुरुष स्पर्धा में जीता। रजत उगांडा के जोशुआ चप्टेगे और कांस्य इथोपिया के ही जैकब किप्लिमो ने जीता।
  3. फेंसिंग का ईपी पुरुष टीम स्पर्धा का खिताब जापान ने जीत लिया है। रजत रूस ने औऱ कांस्य दक्षिण कोरिया ने जीता।
  4. टेबल टेनिस की पुरुष एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन  के मा लांग ने अपने देशवासी फेन झेनदोंग को 4-2 से हराकर जीत लिया है। कांस्य पदक
  5. जर्मनी के दिमित्रीज ओवचारोव ने चाइनीज ताइपे के लिन युन जू को 4-3 से हराकर जीता।

और अब बात पदक तालिका की। कल की प्रतिस्पर्धाओं की समाप्ति पर पदक तालिका में चीन 19 स्वर्ण पदकों सहित 40 पदक जीत कर पहले स्थान पर,जापान 17 स्वर्ण  पदकों सहित कुल 28 पदक लेकर दूसरे पर और अमेरिका 14 स्वर्ण पदक सहित कुल 41 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है। भारत एक रजत के साथ पदक तालिका में अब 51वें स्थान पर पहुंच गया है।

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और अंत में एक बार फिर भारतीय की पदक की उम्मीदों का भार ढोया लड़कियों ने। उन लड़कियों ने जिन्हें समाज में अपना सही दाय नहीं मिलता,बल्कि उन्हें इस योग्य ही नहीं समझा जाता।जिन्हें बार बार अपने को साबित करना पड़ता है। आज फिर लोवलीना और सिंधु ने ये ज़िम्मेदारी उठाई,खुद को साबित करने की।


एक सलाम दोनों को।

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