Friday 30 July 2021

टोक्यो ओलंपिक डायरी_6




29 जुलाई 2021

टोक्यो ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा का छठा दिन। ऐसा दिन जिसमें अनेक जीत और एक हार। लेकिन एक हार सब जीत पर भारी।

जैसे ज़िन्दगी में अक्सर खेल होते रहते हैं, ठीक वैसे ही खेलों में भी एक ज़िन्दगी होती है। कभी हार कभी जीत। ग़म तो खुशी भी। आंसू तो मुस्कुराहट भी। ज़िन्दगी में हम बड़ी बड़ी जीत,खुशियों और आनंद को खोजते हैं और जब वे नहीं मिलती तो छोटी छोटी जीतों, छोटी छोटी उपलब्धियों,खुशियों के छोटे छोटे लम्हों में ही बड़ी खुशियां ढूंढ लेते हैं,उन्हीं में संतुष्ट हो लेते हैं। खेलों में भी पदक ना भी मिले तो क्या ग़म। उसके प्रयास में मिली कुछ जीतों से ही संतुष्ट हो लेते हैं। और अगर कोई जीत भी ना मिले तो जीत के लिए किए गए संघर्ष से ही संतुष्ट हो लेते हैं। हार में भी खुशियां ढूंढ लेना आदमी की फितरत है। और जब आज भारतीय एथलीटों ने दमदार जीत के साथ मजबूती से कदम बढ़ाए तो खुश होना तो बनता है।

आज का दिन भारत के लिए शानदार रहा। ज़िन्दगी में ऐसे दिन कम आते हैं जब आप दिन भर मुस्कुराते रहें और उदासी के लम्हे हो ही नहीं और अगर हो भी तो ना के बराबर। आज भले ही पदक हाथ ना लगा हो पर जीत की भारत के भाग्य पर इनायत रही। आज जीत बरसती रही। केवल मेरीकॉम की हार को छोड़ कर।

आज दिन की शुरुआत पुरुषों की हॉकी टीम ने अपने चौथे पूल मैच में वर्तमान ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर की। हाफ टाइम तक कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। पहला गोल 43वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर वरुण  ने किया।लेकिन 48वें मिनट में अर्जेंटीना ने गोल कर 1-1 की बराबरी कर ली। 57वें मिनट में विवेक ने एक फील्ड गोल और उसके बाद हरमनप्रीत ने पेनाल्टी कार्नर पर तीसरा गोल कर भारत को 3-1 से विजय दिलाई। भारत अपने अंतिम पूल मैच में जापान से खेलेगा। 1984 के बाद ये पहला अवसर है कि भारत ने ग्रुप स्टेज में तीन मैच जीते हैं।

दूसरी जीत बैडमिंटन में पी वी सिंधु ने दर्ज कराई। उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को आसानी से 21-15,21-13 से हराया। सिंधु ने अभी तक अपने सभी मुकाबले बहुत ही आसानी से जीते हैं। वे इस जबरदस्त फॉर्म में हैं।उनका अगला मुक़ाबला जापान की अकीने यामागुची से है। बॅडमिंटन में भारत की यही एक चुनौती बाकी है।

तीरंदाजी में अतानु दास ने अपने शानदार प्रदर्शन से पदक की उम्मीदें जगा दी हैं। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत चीनी ताइपे के यू चेंग देंग को 6-4 से हराकर की। दूसरे चक्र में अतानु दास का मुकाबला दो बार के ओलंपिक चैंपियन दक्षिण कोरिया के ओह जिन हायेक से था। शुरुआत में पिछड़ने के बाद अतानु ने शानदार वापसी की और शूट ऑफ के बाद हायेक को 6-5 से हरा दिया।

91 किलोग्राम से ज़्यादा भार की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में भारत के सतीश कुमार ने अपने अभियान का शानदार आग़ाज़ किया। एशियाई चैंपियनशिप में दो बार के कांस्य पदक विजेता सतीश ने अपने पहले मुकाबले में जमैका के रिकार्डो ब्राउन को 4-1 से हराया। दोनों ही मुक्केबाजों का ये पहला ओलंपिक है। रिकॉर्डों 1996 के बाद जमैका के लिए ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले मुक्केबाज हैं। दूसरे चक्र में सतीश का मुकाबला वर्तमान एशियाई और विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से होगा।

अंततः एक अच्छी खबर शूटिंग से भी। 25 मीटर पिस्टल के प्रिसिजन राउंड के बाद 292 अंकों के साथ मनु भाकर 5वें स्थान पर हैं जबकि भारत की दूसरी प्रतिभागी राही सरनोबत 287 अंकों के साथ 18वें स्थान पर। इस स्पर्धा का रेपिड फायर राउंड कल होगा।

गोल्फ में अनिर्बान लाहिरी ने अच्छी शुरुआत की ।पहले राउंड के बाद 4 अंडर 67 के स्कोर के साथ संयुक्त रूप से आठवें नंबर पर हैं। भारत के लिए एक अच्छी खबर ये कि गोल्फ स्पर्धा में दीक्षा डागर को भी प्रवेश मिल गया है।अब गोल्फ में भारत की और से अदिति अशोक और दीक्षा डागर चुनौती पेश करेंगी।

और क्या ही दुर्योग है कि जैसे जैसे ढलते दिन के साथ सूर्य अपनी चमक खोता गया, वैसे ही भारत का भाग्य भी डूबने लगा है। सूरज का डूबना मानो भारत की एक लीजेंड के भाग्य का डूबना था। छह बार की विश्व चैंपियन और पदक की प्रमुख दावेदार एम सी मेरीकॉम आज शाम एक बहुत ही संघर्षपूर्ण और करीबी मुकाबले में कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया से 2-3 से हार गईं। पदक की एक और उम्मीद नाउम्मीदी में बदल गई। इस मुकाबले में उनकी शुरुआत खराब रही और पहला राउंड 1-4 से हार गईं। उसके बाद उन्होंने वापसी की और अगले दो राउंड उन्होंने 3-2 से जीते। पर पहले राउंड का अंतर इतना ज्यादा था कि वे उसे पाट नहीं सकीं और हार गईं। उनके पास सब कुछ था पर ओलंपिक मैडल नहीं था। उन्होंने अभी कहा भी था 'मेरे पास सबकुछ है बस ओलंपिक मैडल नहीं है और इसी लिए मैं सक्रिय हूँ और यहां हूँ।'ये एक लीजेंड की उदास विदाई थी। लेकिन वे अपनी हार में भी उतनी ही ग्रेसफुल थी और मुस्कुराकर रिंग को तथा ओलंपिक को विदा कहा। लेकिन निश्चित ही उनके मन में उदासियों का महासागर लहरा रहा होगा। वे भीतर ही भीतर रो रही होंगी। उनकी सबसे बड़ी इच्छा अधूरी रह गयी थी। कुछ लोगों के पास बहुत कुछ होता है। लेकिन उनकी कुछ ऐसी इच्छाएं होती हैं कि उसके बिना सब कुछ अधूरा लगता है। मेस्सी के पास क्या नहीं था सिवाय अपनी राष्ट्रीय टीम को खिताब दिलाने के। लेकिन उनकी इच्छा भी पूरी हुई। पर मेरी कॉम की इच्छा अधूरी रह गयी। 'अधूरी इच्छाओं की देवी' । वे पिछले 20 सालों रिंग में लड़ रही हैं। 38 साल की इस लड़ाका ने इस बीच इतना अनुभव तो बटोर लिया होगा और इतनी निस्पृहता तो उनमें आ ही गई होगी कि अपने भीटर की उदासियों को चेहरे के पीछे छिपा सके और अपने दुःख को आंखों तक ना आने दे। लीजेंड ऐसे ही होते हैं।

सेलिंग में महिला एकल डिंगी लेज़र रेडियल स्पर्धा में नेत्रा कुमानन सातवीं रेस में 22वें स्थान पर और आठवीं रेस में 20वें स्थान पर रहीं तो पुरुषों की एकल डिंगी लेज़र स्पर्धा में विष्णु सरवनन सातवीं रेस में  27वें  स्थान पर और आठवीं रेस में 23वें    स्थान पर रहे। उधर रोइंग में पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल स्पर्धा में अर्जुन लाल और अरविंद सिंह 11वें स्थान पर रहे। ये इस स्पर्धा का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इनके अलावा सेलिंग की स्किफ 49अर स्पर्धा में वरुण ठक्कर और के सी गणपति का खराब प्रदर्शन जारी है। 5वीं रेस के बाद वे 19 प्रतिभागियों में 17वें स्थान पर हैं।

तैराकी में एकमात्र भारतीय  चुनौती सूरज प्रकाश के रूप में हैं। वे आज 100 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में प्रतिभाग कर रहे थे। 53.45सेकंड के साथ वे अपनी हीट में वे दूसरे स्थान पर रहे परन्तु ये सेमी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए पर्याप्त नहीं रहा।

टोक्यो ओलंपिक से खबर है कि ऑस्ट्रेलिया के जैक स्टब्बलेटी कुक ने 200 मीटर ब्रैस्टस्ट्रोक स्पर्धा का स्वर्ण पदक नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ जीता। उन्होंने 2मिनट और 2.36 सेकंड का समय लिया।

जापान के डायक़ी हाशिमोतो ने पुरुषों की आल राउंड जिमनास्टिक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत लिया है। इस स्पर्धा का रजत चीन ने और कांस्य रूस ने जीता।

पोल वॉल्ट के दो बार के विश्व चैंपियन अमेरिका के सैम केंड्रिक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण ओलंपिक से बाहर हो गए हैं।

क्वार्टर फाइनल में केई निशिकोरी को  6-2और 6-0 से हराकर नोवाक जोकोविच टेनिस पुरुष एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। गोल्डन ग्रैंड स्लैम से केवल दो जीत दूर।

और अब बात पदक तालिका की। पदक तालिका में चीन 15 स्वर्ण पदकों सहित 31 पदक जीत कर पहले स्थान पर,जापान 15 स्वर्ण  कुल 25 पदक लेकर दूसरे पर और अमेरिका 14 स्वर्ण पदक सहित कुल 38 पदक जीतकर तीसरे स्थान पर है। भारत एक रजत के साथ पदक तालिका में अब 46वें स्थान पर पहुंच गया है।

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और चलते चलते बात सिमोन बाइल्स की और उनके बहाने खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की और विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य की। सिमोन बाइल्स सर्वकालिक महानतम और सफलतम जिमनास्टों में से एक हैं। अगर बीते मंगलवार को जिम्नास्टिक की टीम स्पर्धा को बीच में ही छोड़ देने का निर्णय उन्होंने नहीं लिया होता तो वे आज की आलराउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में भाग ले रही होतीं। दरअसल उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर प्रतियोगिता से  हटने का निर्णय लिया। एक हफ्ते के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ये निर्णय होगा कि वे बाकी बची स्पर्धाओं में भाग लेंगी या नहीं। वे 'ट्विस्टिज' से पीड़ित हैं। ये एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें एक जिम्नास्ट हवा में कलाबाजी करने के बाद जब लैंड करता है तो उसका दिमाग पूरी तरह काम नहीं करता और ब्लेंक हो जाता है। ऐसे में गंभीर चोट लगने की बहुत अधिक संभावना होती है। इस अवस्था से बहुत सारे जिम्नास्ट गुज़रते हैं। लेकिन उनके हटने के निर्णय का अमेरिका की टीम के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा और वो लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक जीतने में असफल रही। इसलिए वे लोगों के निशाने पर आ गईं। यूं भी वे एफ्रो अमेरिकन मूल की हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और जिम्नास्टिक फ्रेटरनिटी उनके साथ है।  मूलतः खेल स्वास्थ्य और आनंद के लिए खेले जाते हैं और अगर इन खेलों से उसके स्वास्थ्य पर ही प्रभाव पड़ता है तो उसे उससे अलग होने का अधिकार होना ही चाहिए। सिमोन बाइल्स आप जल्द ठीक हो और फिर से जिम्नास्टिक एरीना में सक्रिय दिखें।

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