Sunday 25 July 2021

टोक्यो ओलंपिक डायरी_2



 टोक्यो ओलंपिक के तीसरा दिन। जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा है,प्रतिद्वंद्विताएँ कड़ी होती जा रही हैं, संघर्ष सघन होते जा रहे हैं,इमोशंस के रंग गाढ़े होते जा रहे हैं और निसन्देह प्रतिद्वंद्विताओं से फूटे नवरस के सोतों की धार तीक्ष्ण होती जा रहीं है। आज भी कुछ जीते,कुछ हारे। कुछ उम्मीदें परवान चढ़ी,कुछ औंधे मुँह गिरी। भारतीयों के लिए कुछ मुस्कुराने के लम्हे आये तो कुछ उदासियों के भी।

बैडमिंटन में कल पुरुष एकल में साई प्रणीत की हार के बाद पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और ऋत्विक रेड्डी की जोड़ी ने विश्व नंबर तीन जोड़ी को हराकर जो टेम्पो बनाया उसे आज पदक की संभावित विजेता  पीवी सिंधू ने बनाये रखा। सिंधु ने इजराइल की पोलिकार्पोवा को 21-07 और 21-10 से आसानी से 29 मिनट हराकर अगले चक्र में प्रवेश किया। उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से बताया क्यों वे पदक की सबसे प्रबल दावेदार हैं।

टेबल टेनिस में मोनिका बत्रा ने अपने पहले दौर की धार बनाए रखी,लेकिन जी साथियन के हाथों से सफलता फिसल गई।  टेबल टेनिस में पुरुष और महिला एकल के मुकाबले एकदम विपरीत परिणामों के साथ समाप्त हुए। मोनिका बत्रा का  का मुकाबला  अपने से कहीं ऊपर वाली रेंक की खिलाड़ी यूक्रेन की पेसोत्सका से था। मोनिका ने धैर्य,संघर्ष और संयम का परिचय देते हुए 3 के मुकाबले 4 गमों में जीत दर्ज की। उन्होंने शानदार कमबैक किया और एक संघर्षपूर्ण मैच में जीता। शुरुआती दो गेम से पिछड़ने के बाद वे 2-2 की बराबरी पर आईं। पांचवां गेम हार कर एक बार फिर 2-3 से पिछड़ गईं। पर आखरी दो गेमों में उन्होंने शानदार खेल के बल पर प्रतिद्वंदी को 4-3 से मात दी। लेकिन इसके एकदम विपरीत विश्व के 38वीं रैंकिंग के खिलाड़ी जी साथियन आगे होते हुए भी अपने से कम रैंकिंग वाले हांगकांग के लाम सीयू हांग से हार गए।  एक समय वे 3-1 आगे थे लेकिन अंतिम तीन गेम हारकर मैच गवां बैठे।

खुशनुमा  सुबह में हल्की उदासी का रंग भरा टेनिस में सानिया मिर्ज़ा और अंकिता रैना की जोड़ी की हार ने। वे पहले ही दौर में यूक्रेन की एल किचेनोक और एन कीचेनोक की जुड़वां बहनों की जोड़ी से 6-0,6-7(0-6),और 8-10 से हार गई। दरअसल एक अच्छी शुरुआत का निराशाजनक अंत हुआ। उन्होंने पहला सेट 6-0 से जीता और उसके बाद दूसरे सेट में 5-3 पर सानिया मैच के लिए सर्व कर रही थीं कि जोड़ी खेल की लय को बरकरार नहीं रख पाई और मैच हार गई।

निशानेबाजी में भारत को पदकों की सबसे ज़्यादा उम्मीद थी और अभी भी है। इसके वाजिब वजहें भी हैं। इस बार अब तक के सबसे ज़्यादा निशानेबाजों ने क्वालीफाई किया है और ज़्यादातर शूटर टॉप रैंकिंग वाले हैं। लेकिन अभी तक सबसे ज़्यादा निराश शूटरों ने ही किया।

आज 10 मीटर महिला एयर पिस्टल स्पर्धा में युवा मनु भाकर 12वें और वाई एस देसवाल 13वें स्थान पर रहीं और क्वालीफाइंग दौर से ही बाहर हो गईं। कई बार आपके प्रयासों में कमी नही होती पर दिन आपका नहीं होता,किस्मत आपका साथ नहीं देती,आप अनहोनी से हार जाते हैं। आज मनु भाकर ऐसे ही हारीं। उन्होंने शानदार शुरूआत की। 100 में से 98 अंक जुटाए। लेकिन उनकी पिस्टल खराब हो गयी। उसको मैनेज करने में अब पर्याप्त समय खराब हो चुका था। लेकिन इस युवा शूटर की तारीफ करनी चाहिए इतना समय खराब होने के बाद वो स्पर्धा में लौटी अपने शाट्स पूरे किए और 11वें स्थान पर रहीं। दी हुई परिस्थितियों में ये निसन्देह आश्वस्तकारी प्रदर्शन था। 

 पुरुषों की  10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में दीपक कुमार 26वें और दिव्यांश पंवार 32वें स्थान पर रहे।  स्कीट स्पर्धा में भारतीय शूटर मेराज अहमद खान 71 शॉट्स के साथ 25वें स्थान पर हैं और फाइनल की दौड़ से इस इवेंट में बाहर हैं। अंगद सिंह बाजवा 73 अंकों के साथ 11वें स्थान पर है और सोमवार को जब पुनः रेंज पर लौटेंगे तो फाइनल उनकी जद में होगा।

मुक्केबाजी में कल विकास कृष्ण पहले दौर में हारे तो आज 63 किग्रा लाइटवेट कैटेगरी में मनीष कौशिक एक बहुत ही करीबी मुकाबले में ब्रिटेन के ल्यूक मैकॉरमक से हार गए। लेकिन महिलाओं ने भारतीय झंडा बुलंद रखा। सी मेरी कॉम ने अपने अभियान का आगाज़ डोमिनिका रिपब्लिक की एम हर्नांडेज को 4-1 से हराकर किया। 38 साल की उम्र में मेरीकॉम ने जिस तरह प्रदर्शन अपने से 15 साल छोटी प्रतिद्वंदी के साथ आज किया वो आश्वस्त करने वाला है कि उनके मुक्कों से भारत के लिए एक पदक निकलने वाला है। 

आज का सबसे अप्रत्याशित परिणाम अर्जुन लाल और अरविंद सिंह ने लाइटवेट डबल स्कल स्पर्धा में दिया। ज्यादातर भारतीय उनसे और उनके इवेंट से भी परिचित नहीं होंगे। लेकिन आज उन्होंने रेपीचेज में तीसरा स्थान प्राप्त कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

लेकिन जैसे जैसे दिवस अवसान पर था मानो भारत की कीर्ति का भी क्षय हो रहा था। इसे अंजाम दिया पुरुषों की हॉकी टीम ने। पुरुष हॉकी में भारत का पूल का दूसरा मैच शक्तिशाली टीम ऑस्ट्रेलिया से था। ये मैच भारत  1-7 से हारा। लड़कर हारना एक अलग बात होती है। लेकिन जो स्कोरलाइन आज के मैच की थी वो निराश करने वाली है। जब जब ये उम्मीद होती है कि भारत हॉकी की अपनी खोई प्रतिष्ठा को पाएगा, तभी उम्मीद टूट जाती है। आज की हार से भारतीय हॉकी की कीर्ति भी निस्तेज सूरज की तरह प्रशांत महासागर में डूब गई। हालांकि हॉकी में अभी भी आगे बढ़ने की उम्मीद बाकी है क्वार्टर फाइनल में जाने की।

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कुल मिलाकर आज की उम्मीद तीन लड़कियों-मोनिका,सिंधु और मेरी कॉम के मजबूत कांधों के रास्ते परवान चढ़ी। उम्मीद की जानी चाहिए कि कल सुबह सूर्य देवता की सुनहरी चमक भारतीयों के गले मे भी सुशोभित होगी।

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