Saturday 29 January 2022

क्वीन ऑफ क्वींसलैंड


        


         मेलबोर्न के रॉड लेवर एरीना का ये एक बेहद खूबसूरत दृश्य था। पूरा एरीना नीले रंग की रोशनी  से नहाया हुआ था। यहां तक कि नीले रंग के कोर्ट पर नीले रंग का पोडियम था,नीले रंग का माइक था,मास्टर ऑफ सेरेमनी प्रसिद्ध  टेनिस खिलाड़ी टॉड वुडब्रिज नीले रंग का कोट पहने थे,ट्रॉफी प्रेजेंटर 13 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता महान एवोन गूलागोंग नीले रंग की ड्रेस में थीं और महिला एकल की आज की विजेता एश्ले बार्टी नीले रंग की जैकेट में थीं। ये उत्साह,उमंग और खुशियां का नीला महासागर था। आखिरकार ये 44 साल के इंतज़ार का अंत था। बार्टी 1978 में क्रिस ओ नील के बाद पहली स्थानीय विजेता जो थीं। और खुशियों के इस नीले समुद्र में कुछ अलग था तो हार के ग़म में डूबी उदास काली ड्रेस में डेनिल कॉलिन्स थीं।

 ऑस्ट्रेलिया ओपन 2022 का महिला एकल फाइनल 25 वर्षीया ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी और अमेरिका की 28 वर्षीया डेनिल कॉलिन्स के बीच था। इन दो प्रतिद्वंदियों के बीच कुछ भी एक सा नहीं था। विश्व नंबर एक खिलाड़ी बार्टी को पहली वरीयता मिली थी जबकि विश्व नंबर 30 को 27वीं वरीयता मिली थीं। बार्टी दो बार की ग्रैंड स्लैम विजेता थीं और ये उनका तीसरा फाइनल था। तो कॉलिन्स का पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल। बार्टी ने 2011 में 15 वर्ष की उम्र में पहला विम्बलडन जूनियर का खिताब जीता था और कॉलिन्स ने 23 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय टेनिस सर्किट में प्रवेश किया था। ये दोनों अब तक चार बार आपस में खेलीं थीं और बार्टी 3-1 से आगे थीं। लेकिन कॉलिन्स के पक्ष में ये था कि आखिरी बार बार्टी फरवरी 2021 में ब्रिस्बेन ओपन में कॉलिन्स से सीधे सेटों में हारी थीं। अगर कुछ समान तो ये कि इन दोनों ने यहां फाइनल तक के सफर में शानदार खेला था। लेकिन यहां भी बार्टी किसी अपराजेय योद्धा की तरह अपनी प्रतिद्वंदियों को रौंद कर आगे बढ़ी थीं। इस दौरान वे केवल 21 गेम हारी और एक सर्विस ब्रेक हुई। दूसरी और कॉलिन्स कड़ा संघर्ष करते हुए आगे बढ़ीं और अपने से ऊपर की सीडेड खिलाड़ियों को खेत किया।

आज पहले कॉलिन्स में मैदान में प्रवेश किया। उनके चेहरे खासी गंभीरता और दृढ़ता थी लेकिन उस गंभीरता के पीछे तनाव और चिंता की लकीरें स्पष्ट चमक रही थीं। उनका दर्शकों की ओर से नरम सा स्वागत हुआ। उसके बाद बार्टी आईं। उनके चेहरे पर हमेशा की तरह एक सौम्य सी मुस्कान फैली हुई थी जिसे उनका आत्मविश्वास और भी खूबसूरत बना रहा था। वे दर्शकों की चहेती थीं। उनका जोरदार स्वागत हुआ। तालियों से स्टेडियम गूंज उठा। ये एक ऐसी शरुआत थी जिसे बार्टी को अपने खेल से अगले 90 मिनट तक बनाए रखना था और उन्होंने अपने दर्शकों को निराश नहीं किया। उन्होंने कॉलिन्स को 6-3,7-6(7-2) से हरा दिया।

दरअसल इन दोनों खिलाड़ियों के हाव भाव उनके खेल के अनुरूप ही थे। ये क्राफ्ट बनाम रॉ पावर का मुकाबला था। बार्टी के तरकश में हर तरह का तीर होता है। शानदार सर्विस उनके खेल की जान है और बैकहैंड स्लाइस उनका सबसे बड़ा हथियार। वे अपनी सर्विस से खेल को गति प्रदान करती हैं और बैकहैंड स्लाइस से उसमें लय भरती हैं। और क्योंकि वे डबल्स की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं, इसीलिए सर्व और वॉली उनका अतिरिक्त प्लस है और नेट पर बढ़िया खेलती हैं। 'सर्व और वॉली' उनके खेल को अतिरिक्त लय और खूबसूरती प्रदान करती है।

दूसरी और कॉलिन्स का सबसे बड़ा हथियार उनकी रॉ हिटिंग है। उनके बैकहैंड सर्विस रिटर्न्स बहुत शानदार होते हैं। वे बेस लाइन की खिलाड़ी हैं और बेसलाइन के पीछे से पावरफुल हिटिंग से प्रतिद्वंदी को हतप्रभ कर देती हैं।

लेकिन कमाल की बात है कि आज दोनों अपने जॉनर में सहज नहीं दिखीं। अगर बार्टी ने बैकहैंड स्लाइस पर लगातार बेजा गलतियां कीं तो कॉलिन्स ने बेसलाइन हिटिंग से। फलतः दोनों को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा। बार्टी अपने शॉट्स फोरहैंड से खेलने लगीं तो कॉलिन्स अधिकांश समय बेसलाइन के भीतर से खेलीं और नेट से अंक अर्जित किए।

पूरा मैच दो पलड़ों में झूलता रहा। अगर पूरे मैच को तीन हिस्से में बांटे तो पहला और आखरी हिस्सा बार्टी के नाम और मध्य भाग कॉलिन्स के नाम रहा। बार्टी ने चौथे दौर के मैच में एनिसिमोवा के विरुद्ध एक सेट में सर्वाधिक 4 गेम हारे। पहले सेट में यहां भी यही रहा। दोनों खिलाड़ियों ने अपनी पहली दो सर्विस होल्ड की और स्कोर 2-2 हुआ। अब बार्टी ने कॉलिन्स की तीसरी सर्विस ब्रेक कर स्कोर 4-2 किया और पहला सेट आसानी से 6-3 से जीत लिया। लेकिन दूसरे सेट का आरंभ पहले के एकदम विपरीत था। कॉलिन्स ने गियर बदला। कॉलिन्स बेसलाइन के अंदर से खेलने लगीं और बार बार नेट पर आईं। उन्होंने अपनी पावर हिटिंग से बार्टी को निरुत्तर कर दिया। कॉलिन्स ने दो सर्विस ब्रेक की और 5-1 की बढ़त ले ली। यहां पर एक बार फिर खेल का रुख बदला। शायद कॉलिन्स में एक आत्मतुष्टि का भाव आ गया और उन्हें लगा कि वे ये सेट जीत गईं हैं। अब बार्टी ने अपनी खोई लय फिर से पा ली और दो सर्विस ब्रेक के साथ स्कोर 5-5 और 6-6 किया। फिर टाईब्रेक आसानी से 7-2 से जीत लिया।

 अब वे ऑस्ट्रेलिया ओपन की नई चैंपियन थीं। पूरा स्टेडियम गुंजायमान हो उठा था। आज इस एरीना में अतिरिक्त दर्शक थे। जिन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिला,वे बाहर से ही एक नए चैंपियन का उदय होते देख रहे थे। जो उनके अपने देश का था। अपने बीच का था। वे रोमांचित थे। और गौरव से भरे थे। 1980 में वेंडी टर्नबुल के बाद ऑस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में प्रवेश करने वाली ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी और 1978 में क्रिस ओ नील के 44 बाद इस खिताब को जीतने वाली खिलाड़ी बन रही थीं। बार्टी वर्तमान खिलाड़ियों में सेरेना विलियम्स के बाद तीन सतहों-हार्ड कोर्ट,ग्रास कोर्ट और क्ले कोर्ट पर ग्रैंड स्लैम जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं।

मैच बाद सेरेमनी में टॉड वुडब्रिज उन्हें 'चैंपियन एथलीट'कह रहे थे और टेनिस ऑस्ट्रेलिया की चेयर पर्सन जेन हार्डलिका कह रहीं थीं 'हमें आप पर गर्व है।'और वे सही कह रही थीं। उन्होंने चार साल की उम्र से टेनिस सीखना शुरू किया वेस्ट ब्रिस्बेन टेंस सेन्टर में। वहां जिम जोएस उनके पहले कोच थे। वे सामान्यतः इतनी छोटी उम्र के बच्चों को सिखाने से गुरेज करते थे। लेकिन वे बार्टी के पहले ही परफेक्ट शॉट से और 'हैंड-आई कोर्डिनेशन' से इतने प्रभावित हुए कि उन्हें ट्रेनिंग देना स्वीकार कर लिया। 2011 में 15 साल की उम्र में वे जूनियर विम्बलडन चैंपियन बनी और और 2013 में ऑस्ट्रेलिया और विम्बलडन के महिला डबल्स के फाइनल में पहुंचीं। 2014 में उन्होंने टेनिस से ब्रेक लिया और क्रिकेट में हाथ आजमाया। वे दो साल महिला बिग बैश लीग में ब्रिस्बेन हीट से खेलीं। उससे पहले बचपन में उन्होंने नेटबॉल भी खेला लेकिन उसे छोड़ दिया क्योंकि ये उन्हें 'लड़कियों का खेल'लगता था। वे यहीं नहीं रुकीं। 2021 में उन्होंने गोल्फ में हाथ आजमाया और ना केवल ब्रूकवाटर गोल्फ क्लब की महिला चैंपियन बनी बल्कि टाइगर वुड्स जैसे दिग्गज गोल्फर को अपने खेल से प्रभावित भी किया।

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चैंपियन खिलाड़ी ऐसे ही होते हैं। दरअसल वे 'क्वीनलैंड्स की क्वीन'हैं।


ऑस्ट्रेलिया को अपनी नई चैंपियन मुबारक।

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