ये मोह मोह के धागे
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जब प्रसिद्द डच खेल पत्रिका 'फ़ुटबाल इंटरनेशनल' रोनाल्डो की तो बात ही छोड़िए माराडोना और पेले से आगे लियोनेस मेस्सी को सार्वकालिक महानतम फुटबॉलर बता रही थी तो मैं इस बात को प्रकारांतर से इस तरह समझ रहा था कि मेस्सी आगे आने वाले समय में एक मिथक के रूप में याद किये जाएंगे और उनसे जुडी हर बात किंवदंतियों के रूप में आने वाली पीढ़ी देखेगी और समझेगी। तो क्या भविष्य में उनकी प्रेम कहानी भी पौराणिक या लोक आख्यानों की किसी अमर प्रेम कथा की तरह लोगों के दिलो दिमाग पर कब्जा जमाए होगी।मेस्सी की प्रेम कहानी ? हाँ लियो और अंतोनेला रोक्कुज़ो की प्रेम कहानी।
असाधारण प्रतिभा वाले अद्भुत खिलाड़ी के किसी प्रसिद्ध मॉडल या सेलिब्रिटी से प्रेम की कहानी नहीं।आस पड़ोस की गली मोहल्ले के किसी लडके-लड़की की कहानी जो साथ साथ रहते,हँसते,बोलते,खेलते,जीते जन्मती है,पनपती है और एक खूबसूरत आकार में ढल जाती है।हर उस इंसान की अपनी कहानी है जिसमें एक दिल धड़कता है।एक साधारण सी प्रेम कहानी जो असाधारण रूप से साधारण है और इसीलिए असाधारण बन जाती है।एक ऐसी प्रेम कहानी जो एक दूसरी प्रेम कहानी के सामानांतर चलती जाती है एक दूसरे की आँखों में आँख डाले भी और हाथों में हाथ लिए भी। लियो प्रेम के द्वैत को जीता जाता है। बचपन के दो प्रेम एक साथ।फुटबाल से प्रेम और बचपन की साथी से प्रेम।
ये कहानी दक्षिणी अमेरिकी देश अर्जेंटीना के मध्य प्रांत सांता फे के मध्यमवर्गीय चेतना वाले सबसे बड़े शहर रोसारियो में जन्मती है। इस कहानी का एक किरदार साधारण से मज़दूर और सफाईकर्मी दंपत्ति के तीन बेटों और एक बेटी में से एक लियोनेल आंद्रेस मेस्सी है तो दूसरा किरदार एक सुपरमार्केट की मालकिन की बेटी अंतोनेला रोक्कुज़ो।लियो प्रतिभा संपन्न था। पांच वर्ष की उम्र में स्थानीय ग्रैंडोली क्लब में शामिल होता है और जल्द ही नेवेल्स ओल्ड बॉयज में। इसी दौरान एक और फुटबॉलर लुकास स्कैग्लिआ से दोस्ती होती है और स्कैग्लिआ के माध्यम से उसकी कजिन अंतोनेला रोक्कुज़ो से। पराना नदी के खूबसूरत पश्चिमी किनारे पर खेलते कूदते जब दोनों बचपन से किशोरावस्था की और बढ़ रहे थे तो वे एक दूसरे के दिल की और भी कदम बढ़ा रहे थे। पर बाल सुलभ संकोच भी रहा होगा और फिर लियो तो बहुत ही शर्मीले स्वभाव का था। दिल की बात ज़ुबाँ पे आती तो कैसे। फिर हर प्रेम कहानी की तरह एक और मोड़ आना था। विछोह का। लियो को बीमारी होती है-ग्रोथ हार्मोन्स डेफिशिएंसी की। खर्चा बड़ा था जिसे ना परिवार उठा सकता था और ना क्लब। ऐसे में बार्सीलोना के खेल निदेशक कार्ल रिक्सेस ने लियो की प्रतिभा को पहचाना,उसके साथ अनुबंध किया और उसके इलाज का प्रबंध भी। परिवार यूरोप आ गया।ये सन 2000 था। दो दोस्त बिछड़ रहे थे। लियो के मन में अंतोनेला के लिए गहरी आसक्ति थी। वो इसे भले ही जुबां से ना कह पा रहा हो पर उसने एक पत्र लिखा था और उसमें लिखा 'तुम देखना एक दिन तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी'।ये नियति थी। भविष्य में ऐसा होना था और हुआ। दुनिया नई सदी में प्रवेश कर रही थी। तमाम चीजों के साथ दुनिया को अब तक का सबसे बड़ा फुटबॉलर भी मिलना था।
लियो और अंतोनेला के रास्ते अलग हो चुके थे। लेकिन जो आकर्षण लियो के मन में अंतोनेला के लिए था उसे उससे कैसे अलग किया जा सकता था। लियो बार बार अपने शहर लौटता रहा। नियति में मिलना था तो था। चार साल बाद 2004 में जब लियो रोसारियो आया तो अंतोनेला अपने मित्र की मृत्यु से अवसाद में थी। लियो ऐसे में उस मित्र से मिलने गया जिसे वो बचपन से चाहता था और अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का सपना देखा था। बचपन का वो प्रेम जो मन के किसी कोने में समय की बेरुखी से अलसाया पड़ा था कि दुःख की इस भीगी भीगी धरती पर उछाह लेने लगा। अलसाया प्रेम चैतन्य हो आया था। अब ये किसी के रोके रुकने वाला ना था। अब अंतोनेला भी बार्सीलोना आ जाती है। पराना नदी के किनारे जिस प्रेम नीर का बहाव शुरू हुआ था वो मेडिटेरियन सी के किनारे अपने अंजाम को आतुर था। तरलता ठोस रूप लेने लगी थी।सन 2012 का जून का महीना था। 2 तारीख थी। अर्जेंटीना इक्वेडोर के विरुद्ध खेल रहा था। जैसे ही लियो ने दूसरा गोल किया। उसने गेंद को अपनी शर्ट के अंदर डाला और दुनिया के सामने घोषणा की कि वे जल्द पिता बनने जा रहे हैं। ठीक पांच महीने बाद बेटे का जन्म हुआ।11 सितम्बर 2015 को दूसरे बेटे का जन्म हुआ। बचपन का वो आकर्षण जो छोटे से सोते के रूप में मन में बह निकला था अब समुद्र सा विशाल हो चला था। एक कमज़ोर सा आकर्षण ठोस आकार ग्रहण कर चुका था और परिपक्व भी हो चला। उसे एक नाम मिलना चाहिए था। ना भी मिलता तो कोई बात नहीं थी। दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का निश्चय किया। 30 जून को वे शादी के बंधन में बंध जाएंगे। लियो रोक्कुज़ो को शादी बहुत बहुत मुबारक हो।और हाँ हम आगे आने वाले समय में बताएँगे कि ऐसा कुछ हमारे समय में घटित हुआ था।
लियो और अंतोनेला के रास्ते अलग हो चुके थे। लेकिन जो आकर्षण लियो के मन में अंतोनेला के लिए था उसे उससे कैसे अलग किया जा सकता था। लियो बार बार अपने शहर लौटता रहा। नियति में मिलना था तो था। चार साल बाद 2004 में जब लियो रोसारियो आया तो अंतोनेला अपने मित्र की मृत्यु से अवसाद में थी। लियो ऐसे में उस मित्र से मिलने गया जिसे वो बचपन से चाहता था और अपनी गर्लफ्रेंड बनाने का सपना देखा था। बचपन का वो प्रेम जो मन के किसी कोने में समय की बेरुखी से अलसाया पड़ा था कि दुःख की इस भीगी भीगी धरती पर उछाह लेने लगा। अलसाया प्रेम चैतन्य हो आया था। अब ये किसी के रोके रुकने वाला ना था। अब अंतोनेला भी बार्सीलोना आ जाती है। पराना नदी के किनारे जिस प्रेम नीर का बहाव शुरू हुआ था वो मेडिटेरियन सी के किनारे अपने अंजाम को आतुर था। तरलता ठोस रूप लेने लगी थी।सन 2012 का जून का महीना था। 2 तारीख थी। अर्जेंटीना इक्वेडोर के विरुद्ध खेल रहा था। जैसे ही लियो ने दूसरा गोल किया। उसने गेंद को अपनी शर्ट के अंदर डाला और दुनिया के सामने घोषणा की कि वे जल्द पिता बनने जा रहे हैं। ठीक पांच महीने बाद बेटे का जन्म हुआ।11 सितम्बर 2015 को दूसरे बेटे का जन्म हुआ। बचपन का वो आकर्षण जो छोटे से सोते के रूप में मन में बह निकला था अब समुद्र सा विशाल हो चला था। एक कमज़ोर सा आकर्षण ठोस आकार ग्रहण कर चुका था और परिपक्व भी हो चला। उसे एक नाम मिलना चाहिए था। ना भी मिलता तो कोई बात नहीं थी। दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का निश्चय किया। 30 जून को वे शादी के बंधन में बंध जाएंगे। लियो रोक्कुज़ो को शादी बहुत बहुत मुबारक हो।और हाँ हम आगे आने वाले समय में बताएँगे कि ऐसा कुछ हमारे समय में घटित हुआ था।
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ये इश्क़ नहीं आसाँ ये तो समझ लीजिये
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है!
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है!
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