ज़िन्दगी में कुछ लम्हें ऐसे आते हैं
जो गुज़र कर भी
गुज़रते नहीं
बल्कि जिन्दगी के साथ
हमेशा के चस्पाँ हो जाते हैं !
उ से विरल होते गरम दिन रुचते। मैं सघन होती सर्द रातों में रमता। उसे चटकती धूप सुहाती। मुझे मद्धिम रोशनी। लेकिन इन तमाम असंगतियां के बीच एक स...
No comments:
Post a Comment