खेलों में हार जीत लगी रहती है। पर ये दिल ओ दिमाग पर प्रभाव ना डालें, ऐसा नहीं हो सकता। वे बहुत गहरे से मन में पैठ जाती हैं। फिर हार हो या जीत। कोई एक जीत बहुत सारे जख्मों पर मरहम का काम करती है। घायल ईगो को सहलाती है। पिछली उदासियों को मुस्कान में तब्दील कर देती है। ठीक वैसे ही जैसे कोई एक हार दिल पर गहरी चोट कर जाती है। मन पर उदासियों को पसार देती है। खेल में ऐसा होता है।
रविवार नौ मार्च की रात दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भारत की क्रिकेट टीम एक इतिहास रच रही थी। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के बहुत ही रोमांचक और उतार चढ़ाव भरे फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हराकर भारतीय टीम तीसरी बार ये चैंपियनशिप जीत रही थी। इससे पहले भारत 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी का श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता था और उसके बाद 2013 में दूसरा खिताब जीता था।
ये एक तरह का स्वीट रिवेंज था। याद कीजिए 2000 की दूसरी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल जो नैरोबी केन्या में खेला गया था। उसमें भी भारत और न्यूजीलैंड आमने सामने थे। न्यूजीलैंड की टीम 264 रनों का पीछा करते हुए 132 रनों पर पांच विकेट खो चुकी थी। लेकिन क्रिस केर्न्स के नाबाद 102 रन और क्रिस हैरिस के साथ 122 रनों की साझेदारी ने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने से वंचित कर दिया था। लेकिन इस बार न्यूजीलैंड इतिहास को ना दोहरा सका।
इससे पहले पहले ही मैच में भारत ने पाकिस्तान को हराया था। पाकिस्तान पहले मैच में न्यूजीलैंड से हार चुका था। मेजबान बाहर हो चुका था। भारत की सेमीफाइनल की जीत ने ट्रॉफी को भी पाकिस्तान से बाहर कर दिया था। जिस समय भारत की टीम न्यूजीलैंड को हराकर ये ट्रॉफी जीत रही थी तो उनकी यादों में इस ट्रॉफी का पिछला फाइनल भी तैर रहा होगा। 18 जून 2017 को खेले गए फाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध हार गए थे। उस समय कप्तान कोहली थे भारतीय खिलाड़ियों के चेहरे उतरे हुए थे और कंधे झुके हुए। वो हार कप्तान विराट कोहली के साथ-साथ हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के दिल में चुभी थी। लेकिन इस बार पहले ही मैच में उसे हरा दिया। ये जीत सामान्य जीत से कहीं अधिक स्वीट थी या उन्हें महसूस हुई होगी।
जब वे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हरा रहे थे जरूर उनके जहां में 2024 का विश्व कप क्रिकेट का फाइनल घूम रहा होगा जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा दिया था। निश्चित रूप से ये जीत सामान्य से कुछ अधिक रही होगी। कई बार जीत और हार सामान्य से कुछ अधिक हो जातीभाईं ठीक वैसे ही जैसे कुछ खास प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध जीत और हार सामान्य से कुछ अधिक होती है।
निःसंदेह ये जीत कई मायनों में सामान्य से अधिक ही थी।
आज एक बार फिर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टॉस हार गए। न्यूजीलैंड के कप्तान सेंटनर ने जीता और बैटिंग करने का फैसला किया। उनका ये फैसला उनके ओपनर बल्लेबाजों के ताबड़तोड़ खेल से सही साबित किया। सलामी बल्लेबाज विल यंग और रचिन रविंद्र की जोड़ी ने आठ ओवरों में ही 57 रन की साझेदारी की।
तब इस टूर्नामेंट में भारत के संकटमोचक बने वरुण चक्रवर्ती ने भारत को पहली सफलता दिलाई। उन्होंने यंग (15) को पवेलियन का रास्ता दिखाया। रचिन रविंद्र 29 गेंद में 37 रन बनाकर आउट हुए। कुलदीप ने उन्हें क्लीन बोल्ड किया। उसके बाद जल्द ही केन विलियमसन को भी 11 रन पर चलता कर दिया। टॉम लैथम ने 30 गेंद में 14 रन का योगदान दिया। ग्लेन फिलिप्स ने 34 रन की पारी खेली। 46 वें ओवर में मोहम्मद शमी ने डैरिल मिचेल को आउटकर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। डैरिल मिचेल ने 101 गेंदों में तीन चौके लगाते हुये 63 रनों की जूझारू पारी खेली। सातवें विकेट के रूप में 49वें में कप्तान मिचेल सैंटनर आठ रन बनाकर आउट हुए। माइकल ब्रेसवेल ने 40 गेंदों में तीन चौके और दो छक्के लगाते हुए नाबाद 53 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। न्यूजीलैंड ने निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट पर 251 रन का स्कोर खड़ा किया। उन्होंने आखिरी पांच ओवरों में 50 रन जोड़े और और टीम को ढाई सौ के पार पहुंचाने में मदद की।
भारत की ओर वरूण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने दो-दो विकेट लिये। रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी ने एक-एक बल्लेबाज को आउट किया। आज पिच ने तेज गेंदबाजों का साथ नहीं दिया। वे खासे महंगे साबित हुए और निष्प्रभावी भी। शामी ने नौ ओवरों में 74 रन और हार्दिक ने तीन ओवरों में तीस रन दिए। लेकिन तेज गेंदबाज जितने महंगे और निष्प्रभावी साबित हुए स्पिनर्स ने उतनी प्रभावी और शानदार गेंदबाजी की और न्यूजीलैंड को एक बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया। स्पिनर्स ने कुल मिला कर 38 ओवर फेंके जो भरता की और से किसी भी एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच तीसरे सबसे ज्यादा फेंके गए ओवर्स थे। आज भारत की फील्डिंग भी अच्छी नहीं रही। उन्होंने कुल मिलाकर महत्वपूर्ण मौकों पर चार महत्वपूर्ण कैच छोड़े।अन्यथा न्यूजीलैंड की पारी पहले ही सम्मत हो गई होती।
ब्लैककैप्स के खिलाफ 252 रनों का पीछा करते हुए भारत ने भी शानदार शुरुआत की। उन्होंने बिना विकेट खोए 100 रन बनाए। न्यूजीलैंड की तरफ से भी के तेज गेंदबाज ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाए। लेकिन जैसे ही स्पिनर्स परिदृश पर आए उन्होंने ना केवल भारत की रंगती पर अंकुश लगाया बल्कि जल्द जल्द तीन विकेट लेकर मैच में वापसी की। पहले शुभमन गिल गए। फिर एक रन बनाकर कोहली भी आउट हो गए। उसके बाद जल्द ही रोहित शर्मा के 76 रनों की शानदार पारी खेलकर बड़ा हिट लगाने के चक्कर में आउट हो गए। तीन विकेट लेकर न्यूजीलैंड ने मैच में वापसी की। लेकिन श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने 61 रनों की एक अच्छी साझेदारी की और भारत की वापसी करा दी। लेकिन मैच खत्म हो पाता कि 183 रनों के कुल स्कोर पर 48 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर श्रेयस अय्यर आउट हो गए। इस पूरी प्रतियोगिता में श्रेयस ने शानदार बल्लेबाजी की और रचित रविन्द्र के बाद सांसे अधिक रन बनाए। पहले अक्षर पटेल के साथ और फिर हार्दिक पंड्या के साथ महत्वपूर्ण के एल राहुल साझेदारी की और नाबाद 34 रनों की महत्वपूर्ण पारी की बदौलत भारत को चार विकेट से जीत दिला दी।
मैन ऑफ द मैच का खिताब रोहित शर्मा को और मैन ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब न्यूजीलैंड के के रचिन रविन्द्र को मिला। रचिन ने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 263 रन बनाए और पांच से भी कम की औसत से गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट भी लिए।
प्रतियोगिता का आरंभ 19 फरवरी को मेजबान पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रुप ए के मैच से हुआ था। इस मैच में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को 60 रनों से हरा दिया। इस ग्रुप की दो अन्य टीमें भारत और बांग्लादेश की थीं। भारत ने अपने सभी मैच दुबई में खेले। अपने पहले ग्रुप मैच में भारत ने बांग्लादेश को छह विकेट से हराकर साहंदार शुरुआत की। उसके बाद दूसरे मैच में पाकिस्तान को भी आसानी से छह विकेट से हरा दिया। तीसरे और अंतिम ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड को 44 रनों से हराया और इस प्रकार भारत ने अपने तीनों मैच जीतकर अपने ग्रुप में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। जबकि न्यूजीलैंड ने दो मैच जीतकर दूसरा स्थान प्राप्त किया।
ग्रुप बी में ऑस्ट्रेलिया,दक्षिण अफ्रीका,अफगानिस्तान और इंग्लैंड की टीम थीं। ग्रुप स्टेज में दक्षिण अफ्रीका ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए पहले स्थान पर और ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर रहीं और सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। इस ग्रुप में अफगानिस्तान की टीम ने भी शानदार खेल दिखाया और इंग्लैंड को हरा दिया लेकिन ऑस्ट्रेलिया से पीछे रहकर नॉकआउट के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी।
पहला सेमीफाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ। ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले बैटिंग करते हुए 49.3ओवर में 264 रनों पर आउट हो गई। 265 रनों का पीछा करते हुए कोहली के शानदार शतक की बदौलत 11गेंदे शेष रहते हुए 6विकेट पर 267 रन बनाकर मैच चार विकेट से जीतकर फाइनल में प्रवेश किया।
दूसरा सेमीफाइनल न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड ने 06 विकेट खोकर 362 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इस लक्ष्य को पाने की कोशिश में दक्षिण अफ्रीका की टीम निर्धारित 50 ओवरों में 09 विकेट पर 312 रन ही बना सकी और न्यूजीलैंड ने 50 रनों से शानदार जीतकर फाइनल में प्रवेश किया।
इस तरह फाइनल में न्यूजीलैंड को हरा कर रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम रविवार 09 मार्च को इतिहास रच दिया है। भारत 12 साल बाद आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल जीतकर अपने नाम लगातार दो आईसीसी खिताब अपने नाम किए। 10 महीने पहले भारत ने रोहित की ही कप्तानी में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।
इस प्रतियोगिता की भारत सबसे सफल टीम है जिसने ये तीन बार जीती है। ऑस्ट्रेलिया ने इसे दो बार जीता है। इसके अलावा श्रीलंका,दक्षिण अफ्रीका,पाकिस्तान और वेस्टइंडीज ने एक एक बार जीत हासिल की है।
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