कई बार आपको किसी विषय की सही जानकारी नहीं होती या बिल्कुल नहीं होती। 'मोटा होने' और 'फिट होने' में अंतर करना आपको आना चाहिए।
जब आप रोहित को मोटा कहकर फिट ना होने की बात करते हैं तो उस पूरे सिस्टम को प्रश्नांकित करते हैं जिसके तहत उनका टीम में चयन किया जाता है। और तब सवालों के घेरे में चयन समिति, कोच और टीम के फिटनेस ट्रेनर और समूचा स्टाफ भी आता है और बीसीसीआई भी।
आपको पता होने चाहिए बीसीसीआई का फिटनेस टेस्ट बहुत कठिन होता है।
जहां तक एक कप्तान के रूप में उनकी सफलता की बात है वे सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं।
अगर कोई मोटा होने को एक खिलाड़ी का अवगुण मानता है तो उन्हें महिला टेबल टेनिस की महिला खिलाड़ियों को देखना चाहिए जिन्होंने हाल के वर्षों में इस खेल में भारत के लिए असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। और हां सरफराज खान को भी ध्यान में रखना चाहिए जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में सफलता के नए मानदंड स्थापित किए हैं।
रोहित एक शानदार खिलाड़ी और एक सफल कप्तान हैं। और रहेंगे। लव यू रोहित।
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