😢मृत्यु काल की ये एक और स्तब्ध कर देने वाली खबर है!
'धोनी' जैसे जीवट और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व का किरदार निभाने वाले और खुद 'छिछोरे' फ़िल्म में एक खूबसूरत प्रेरणास्पद किरदार निभाने वाला व्यक्ति जब आत्महंता बनता है,तो पता चलता है हमारे बाह्य और आंतरिक जीवन में कितनी बड़ी फांकें हैं।
यही फांकें एक आम आदमी और विशिष्ट आदमी के जीवन में भी उतनी ही स्पष्ट हैं। एक तरफ जहां आम आदमी सड़क पर आखरी सांस तक हार मानने को तैयार नहीं है,वहां कमरे में बैठा आदमी संघर्ष किए बगैर ही हार मान ले रहा है।
'राजपूत' तुम्हें इस तरह तो ना जाना था।
विनम्र श्रद्धांजलि!😢
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