Sunday 10 September 2017

स्लोने स्टीफेंस



स्लोने स्टीफेंस
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            ये एक अद्भुत दृश्य था जिसमें  दो प्रतिद्वंदी खिलाड़ी मैच के खत्म होने पर एक दूसरे को इस तरह से जकड़े थीं मानो अब जुदा ही नहीं होना है और दोनों की आँखों से अश्रुओं की ऐसी अविरल धारा बह रही थी जैसे सावन बरस रहा हो।वे एक अद्भुत दृश्य भर नहीं था बल्कि टेनिस इतिहास की और एफ्रो अमेरिकन्स इतिहास के एक अविस्मरणीय क्षण की निर्मिति भी कर रही थीं। आज से ठीक साठ बरस पहले 1957 में पहली बार किसी एफ्रो अमेरिकन्स महिला खिलाड़ी एल्थिया गिब्सन द्वारा यूएस ओपन जीतने की 60वीं वर्षगाँठ का पहले एफ्रो अमेरिकी पुरुष एकल यूएस ओपन विजेता आर्थर ऐश कोर्ट पर दो एफ्रो अमेरिकी खिलाड़ी मेडिसन कीज और स्लोने स्टीफेंस फाइनल खेल कर जश्न मना रही थीं। 

               
                 
                         और जब स्टीफेंस ने कीज को 6-3,6-0से हरा कर अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीत रही थीं तो ये निसंदेह एक कल्पना का हक़ीकत में तब्दील होना या किसी सपने का साकार होना या फिर किसी असंभव का संभव में बदल जाने जैसा था। 24 वर्षीय स्टीफेंस खाते में इससे पूर्व केवल तीन खिताब थे। वे इस प्रतियोगिता से पहले 11 महीने पैर  की चोट के कारण मैदान से दूर थीं और यूएस ओपन से पहले उनकी  83वीं रैंकिंग थी। दरअसल ये अपने पर भरोसे की जीत है। हौंसले और ज़ज्बे की जीत है। स्टीफेंस की इस शानदार जीत को सलाम !
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