Tuesday 13 September 2022

ओले ओले ओले कार्लोस




न्यूयॉर्क के फ्लशिंग मीडोज में स्थित आर्थर ऐश स्टेडियम यूएस ओपन 2022 के पुरुष वर्ग के फाइनल मैच के दौरान "ओले,ओले,ओले कार्लोस" से गूंज रहा था। दरअसल ये टेनिस के भविष्य का नया थीम सांग है। नया थीम सांग इसलिए कि वहां उपस्थित 24 हज़ार दर्शकों सहित दुनिया भर के टेनिस प्रेमी टेनिस के नए युग का आरंभ देख रहे थे। वे टीनएजर कार्लोस अलकराज गार्सिया को चैंपियन बनते देख रहे थे। अब वे नए टेनिस स्टार के उदय को देख रहे थे। दर्शक भविष्य के नए चैंपियन से रूबरू हो रहे थे।
आज स्पेन के कार्लोस अलकराज फाइनल मैच में नॉर्वे के कैस्पर रूड के खिलाफ मैच पॉइंट के लिए सर्व कर रहे थे। उन्होंने गोली की तरह दनदनाती हुई सर्विस की जो कैस्पर रूड की पहुँच से बाहर थी। ये 'ऐस' था। फाइनल मैच के अलकराज के 18 ऐस में अंतिम। अब उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी नार्वे के कैस्पर रूड को एक बेहद संघर्षपूर्ण और रोमांचक मैच में 6-4,2-6,7-6(7-1) और 6-2 से हरा दिया था।
ऐस लगाते ही कार्लोस अलकराज पीठ के बल लेट गए। उन्होंने अपनी आंखों को अपनी हथेलियों से ढाँप लिया था। वे कुछ क्षणों के लिए निश्चेष्ट लेटे रहे मानो कोई सपना जी रहे हों। वो सपना जिसे वे ट्रॉफी प्रेजेंटेशन स्पीच में दुनिया को बता रहे थे कि 'बचपन से ही एक सपना देखा था विश्व का नंबर एक खिलाड़ी बनना। ग्रैंड स्लैम चैंपियन बनना।' मानो जिस धरती पर बचपन से देखा गया सपना हकीकत में बदल रहा था,उसकी गोद में लेटकर उसे अपना आभार जता रहे हों और अपने उस सपने को एक बार फिर से जी रहे हों।

कार्लोस अब ग्रैंड स्लैम विजेता थे। विश्व के नंबर एक खिलाड़ी थे। सबसे कम उम्र में। अपनी टीन ऐज में। वे अभी केवल 19 साल के हैं।
याद कीजिए इस साल मई में खेले गए मेड्रिड ओपन को। अलकराज क्वार्टर फाइनल में राफेल नडाल को हरा रहे थे। सेमीफाइनल में नोवाक जोकोविच को हरा थे। और फाइनल में अलेक्जेंडर ज्वेरेव को हराकर 2022 का अपना चौथा खिताब जीत रहे थे। ये टेनिस जगत की हाल के वर्षों की निहायत खूबसूरत बात थी कि एक युवा खिलाड़ी एक ही प्रतियोगिता में राफा और नोवाक को हराकर खिताब अपने नाम कर रहा था। दरअसल इस घटना में टेनिस का भविष्य झांक रहा था।
ये फाइनल अपने आप में टेनिस इतिहास की एक महत्वपूर्ण परिघटना थी। नॉर्वे के 24 वर्षीय कैस्पर रूड और 19 वर्षीय स्पेन के कार्लोस अलकराज गार्सिया दोनों ही पहली बार यूएस ओपन के फाइनल में खेल रहे थे। जो भी विजेता बनता उसे एक इतिहास लिखना था। दोनों अपने पहले ग्रैंड स्लैम के लिए जोर आजमाइश कर रहे थे। दोनों में जो भी जीतता उसे ही नंबर एक होना था। बाजी अलकराज के हाथ लगी। अलकराज की ये जीत कितनी महत्वपूर्ण है इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि इससे पहले के 22 ग्रैंड स्लैम में से 20 फेडरर,राफा और नोवाक ने जीते थे।
फाइनल में दोनों खिलाड़ियों के अपने अपने प्लस-माइनस थे। अलकराज के पक्ष में ये बात थी कि इस मैच से पहले दोनों तीन मैच खेले थे और तीनों अलकराज ने जीते थे। लेकिन रूड के पास इस बात का फायदा था कि वे अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम फाइनल खेल रहे थे। अनुभव उनके साथ था। दूसरे ये कि वे अलकराज के मुकाबले कम थके थे। अलकराज ने फाइनल में पहुंचने से पहले तीन फाइव सेटर मैच खेले थे और इन तीन मैचों में 15 घंटे से अधिक समय बिताया था। क्वार्टर फाइनल में सिनर और सेमीफाइनल में टाइफो के खिलाफ बेहद थका देने वाले मैच थे। सिनर के खिलाफ मैच रात्रि ढाई बजे तक चला था।
फाइनल में अलकराज ने शानदार शुरुआत की। तेज गति से कोर्ट कवरेज, ताकतवर शॉट्स,नेट पर शानदार सर्व एंड वॉली के बूते रूड की तीसरे गेम में सर्विस ब्रेक की और सेट 6-4 से जीत लिया। लेकिन दूसरे सेट में अलकराज पर थकान हावी दिखाई देने लगी। वे बेजा गलतियां करने लगे और ड्राप शॉट छोटे पड़ने लगे। दूसरी तरफ रूड अब अलकराज सी चपलता दिखा रहे थे। रूड ने सेट आसानी से 6-2 से अपने नाम किया। अब दोनों एक एक सेट की बराबरी पर थे। अगले सेट में अलकराज 5- 6 से पिछड़ रहे थे कि एकाएक वे जाग गए हों। उनकी थकान मानो हवा हो गयी हो। उन्होंने कहा भी कि 'ये फाइनल मैच है और ये समय थकने का नहीं है।' अलकराज ने दो सेट पॉइंट बचाए और सेट टाई में ले गए। यहां से एक अलग अलकराज दिखाई दे रहे थे। उन्होंने टाई ब्रेक 7-1 से जीता। उसके बाद अगले सेट में रूड को कोई मौका नहीं दिया और आसानी से सेट और मैच अपने नाम किया। अलकराज अब नंबर 01 खिलाड़ी और नए यूएस चैंपियन थे।
दरअसल अलकराज में अक्षय ऊर्जा है। इतनी ऊर्जा कि 5वें सेट में भी वे थके हुए नहीं लगते।असीमित स्टेमिना है। इतना स्टेमिना कि कोर्ट के हर कोने को लगातार कवर करते हैं और थकते नहीं। अतुल बल है। इतना बल कि वे 135 मील प्रतिघंटा की गति से ऐस लगा पाते हैं और ताकतवर शाट्स से विपक्षी को पस्त कर देते हैं। उनमें कमाल की चपलता है। इतनी चपलता कि असंभव से रिटर्न कर विपक्षी को हतप्रभ कर देते हैं। वे ऐसे शॉट्स पर भी अपनी पहुंच बना लेते हैं और उसको रिटर्न कर देते जिस पर दूसरा कोई खिलाडी प्रयास भी ना करे। ऊर्जा,गति,ताकत, चपलता और साथ में अपने पर बेहद विश्वास उन्हें अजेय बना देता है।
अलकराज की इस जीत को बिग थ्री युग समापन के आरंभ की घोषणा के रूप में भी देखा जा सकता है। बिग थ्री ने अपने बाद की पूरी एक पीढ़ी के ख़िलासियों को अपने खेल,योग्यता और पैशन से खत्म कर दिया थीएम,सिटसिपास,ज्वेरेव,मेदवेदेव को वो कुछ हासिल नहीं करने दिया जो वे हासिल कर सकते थे। ये उन खिलाड़ियों का दुर्भाग्य था कि वे बिग थ्री के रहते खेले।
लेकिन अब फेडरर40 से ऊपर के हैं और उनकी वापसी की कोई उम्मीद नहीं लगती। राफा 36 प्लस है। चोटों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा भी कि 'नहीं पता अब कब कोर्ट में वापसी होगी।'नोवाक 35 के ज़रूर है। पर उनकी फिटनेस अभी भी कमाल की है। उनमें अभी काफी खेल बाकी है। लेकिन सबसे युवा पीढ़ी जिस तरह का खेल दिखा रही है,वो बेहद रोमांचक और उम्मीद जगाने वाला है। बिग थ्री के दो बचे योद्धा राफा और नोवाक किस तरह इस नई पीढ़ी का सामना करते हैं, 2023 में ये देखना रोचक होगा। और ये भी कि नई पीढ़ी के युवा खिलाड़ियों-रूड, अलकराज, सिनर,बेरेटिनी आदि -की पावर और टेलेंट का राफा और नोवाक किस तरह जवाब देते हैं। पुराने और नए का द्वंद हमेशा तनावपूर्ण लेकिन रोचक और संभावनाओं से भरा होता है।
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फिलहाल तो अलकराज को उनका पहला ग्रैंड स्लैम मुबारक हो।
ओले ओले ओले कार्लोस।

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