(गूगल से साभार)
अजीब शै हैं ये आँसू। खुशी में भी निकले और ग़म में भी। कभी मीठे शहद से आँसू,कभी खारे नमक से आँसू।ये
जो आसमानी ड्रेस में 'हॉकी खेलती लड़कियाँ' हैं ना आज उनकी आंखों से टपटपाती जाती हैं खुशियाँ और वे जो काली ड्रेस वाली 'हॉकी खेलती लड़कियां' हैं उनकी आंखों उग आती हैं उदासियाँ।
यू तो ये आसमानी रंग पहने 'हॉकी खेलती लड़कियाँ' अपने माथे लगा चुकी हैं सोने और चांदी के भी तमगे। गर इस बार आया हाथ ताँबा तो ताँबा ही सही। क्या फर्क पड़ता है,खुद आसमां हुआ चाहती हैं ये लड़कियां।
पदक बहुत मुबारक लड़कियों।
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