Saturday 13 August 2022

इंडिया मार छलांग



 'इंडिया मार छलांग' के उदघोष के साथ भारतीय खेल परिदृश्य पर एक नई लीग 'अल्टीमेट खो खो लीग' ही छलांग लगाने नहीं जा रही है, बल्कि एक और देसी खेल 'खो खो' आगे बढ़ने के लिए लंबी छलांग लगाने जा रहा है। आज यानी 14 अगस्त से ये नई लीग शुरू हो रही है जो 14 अगस्त से 04 सितंबर तक पुणे के श्री शिव छत्रपति स्टेडियम आयोजित की जाएगी। इसमें 06 टीमें भाग लेंगी और कुल 34 मैच खेले जाएंगे।

यूं तो विश्व की पहली प्रोफेशनल खेल लीग 1876 में खेलों का सम्राट(el rey de los deportes) कहे जाने वाले खेल बेसबॉल में शुरू हुई थी - मेजर लीग बेसबॉल यानि एमएलबी। उसके बाद विश्व के अनेक भागों में अनेक खेलों में लीग स्थपित हुईं। इनमें से कुछ बहुत ज़्यादा लोकप्रिय हुईं और आज भी हैं। फुटबॉल में 05 से भी ज़्यादा विश्व प्रसिद्ध लीग हैं। लेकिन भारत में लीग का विचार बहुत देर से आया। कहावत है 'देर आयद दुरुस्त आयद।'2008 में शुरू हुई आईपीएल विश्व की चौथी सबसे धनवान लीग है जिसने इंग्लैंड की सुप्रसिद्ध प्रीमियर फुटबॉल लीग को भी पीछे छोड़ दिया है। क्रिकेट की आईपीएल लीग 2008 में शुरू हुई। और केवल 14 सालों में इस लीग ने भारत में खेलों का पूरा परिदृश्य ही बदल दिया कि खेलों की लोकप्रियता और विकास के लिए लीग को एक आवश्यक शर्त बना दिया है। अब भारत में हर खेल में लीग बनने को तैयार है।

दरअसल भारत में लीग की स्थापना के प्रयास बहुत देर से पिछली सदी के अंतिम दशक में शुरू हो पाए। भारत में पहली लीग सन 1996 में  आल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा 'नेशनल फुटबॉल लीग' की स्थापित की गई। ये एक सेमी प्रोफेशनल लीग थी। 2007-08 के सत्र में  फुटबॉल को और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए एएआईएफ ने इसे 'आई-लीग' में रूपांतरित कर दिया। इस लीग की प्रथम विजेता टीम जेसीटी फगवाड़ा और 2006-07 सत्र की अंतिम विजेता टीम डेम्पो क्लब गोआ थी।

             2007-08 सत्र से आई-लीग की शुरुआत हुई जिसमें 12 क्लब खेलते हैं। 2010 में एएआईएफ की आईएमजी-रिलायंस से 15 वर्षों के लिए 700 करोड़ का कमर्शियल अधिकारों को लेकर अनुबंध हुआ और 2013 में एएआईएफ ने रिलायंस और स्टार स्पोर्ट्स के साथ मिलकर एक नई लीग 'इंडियन सुपर लीग' की स्थापना की।  शुरुआत में इसमें आठ क्लब थे । लेकिन अब बढ़कर 11 क्लब हो गए हैं। पहले तीन साल इस लीग को एएफसी और फीफा से मान्यता नहीं मिली। लेकिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती रही। आई लीग और आईएसएल के बीच एक गतिरोध बना रहा। अंततः आई लीग के 12 फुटबॉल क्लबों के संगठन इंडियन प्रोफेशनल फुटबॉल क्लब एसोसिएशन,एएआईएफ और रिलायंस-आईएमजी के प्रतिनिधियों के बीच लगातार बातचीत और फीफा और एएफसी के बीच बचाव के बाद अब आईसीएल प्रीमियर लीग और आई-लीग सेकंड लीग के रूप में स्थापित हो गयी हैं जिनका एक साथ समानांतर आयोजन किया जाएगा। फिलहाल आईसीएल भारत की सबसे लोकप्रिय लीग में से एक है।

फुटबॉल के बाद हॉकी में लीग शुरू हुई। 2005 में इंडियन हॉकी फेडरेशन 'प्रीमियर हॉकी लीग' की शुरुआत की। पर 2008 में  हॉकी फेडरेशन को भ्रष्टाचार के आरोप में भंग कर दिया गया और लीग भी अपने आप खत्म हो गई। उसके बाद 06 टीमों के साथ हॉकी इंडिया ने 2013 में हॉकी इंडिया लीग शुरू की। जिसे 2017 में स्थगित कर दिया गया।

2008 में जब प्रीमियर हॉकी लीग बंद हो रही थी और नेशनल फुटबॉल लीग नए कलेवर के साथ आई-लीग के रूप में अवतरित हो रही थी,ठीक उसी समय क्रिकेट में भारत में इसकी नियामक संस्था बीसीसीआई 'इंडियन प्रीमियर लीग' की स्थापना कर रही थी। बीसीसीआई सबसे सुगठित और प्रोफेशनल खेल संस्था थी। इसके प्रोफेशनलिज्म और भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता ने आईपीएल को प्रसिद्धि के चरम पर पहुंचा दिया। ये लीग 08 टीमों के साथ शुरू हुई थी और पिछले सीजन में इसकी संख्या 10 हो गयी है। ये ना केवल देश की सबसे लोकप्रिय लीग है बल्कि एनएफएल , एमएलबी और एनबीए के बाद विश्व की चौथी सर्वाधिक कमाई वाली लीग बन गयी है।

आईपीएल की सफलता ने अन्य खेलों में भी लीग की स्थापना को प्रेरित किया। लेकिन कबड्डी को छोड़ कर बाकी लीग एसोसिएशन के अपने अंतर्विरोधों और कोरोना काल के चलते बहुत लोकप्रिय या सफल नहीं हो सकीं।

 इनमें से 'प्रो वॉलीबॉल लीग' की स्थापना 06 टीमों के साथ वॉलीबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और बेसलाइन वेंचर इंडिया ने 2019 में की। इसका पहला सीजन 2019 में और दूसरा सीजन फरवरी 2022 में हैदराबाद में खेला गया। 

'प्रीमियर बैडमिंटन लीग' की स्थापना 2016 में बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने स्पोर्टज़ एंड लाइव इंडिया लिमिटेड के साथ की। इसमें सात फ्रेंचाइजी टीमें है जिसमें दुनिया के श्रेष्ठ खिलाड़ी भाग लेते हैं और ये दुनिया की प्रमुख बैडमिंटन लीग में से है। इसके अब तक पांच सीजन हो चुके हैं। अंतिम सीजन 2020 में हुआ था।

'प्रो कुश्ती लीग' 2015 में 06 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ शुरू हुई। इसे रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रो स्पोर्टिफाई के साथ मिलकर शुरू किया। इसके अब तक चार सीजन में से 2015 का पहला सीजन मुम्बई गरुड़ और 2019 का अंतिम सीजन हरयाणा हैमर्स ने जीता था।

'अल्टीमेट टेनिस लीग' की स्थापना 2017 में इलेविन स्पोर्टस और टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 06 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ शुरू की और 2017,2018 और 2019 में तीन सीजन हुए।

2014 में 'प्रो कबड्डी लीग' की स्थापना 08 टीमों के साथ हुई। 2017 में इसमें चार और टीमों को शामिल किया गया और अब कुल 12 टीमें हैं। कोरोना के चलते केवल इसका 8वां सीजन रद्द किया गया। 2022 के सीजन का ड्राफ्ट हो चुका है। 2014 में कबड्डी लीग शुरू करने का निर्णय कबड्डी के भाग्य को बदल देता है। ये आईपीएल के बाद सबसे लोकप्रिय लीग बन गयी है। पहले सीजन में  ही इसे 43.2 मिलियन दर्शक मिले जो अब 55 मिलियन से ज़्यादा पहुंच चुके हैं। लीग ने इसे केवल लोकप्रिय ही नहीं बनाया। बल्कि इसका चरित्र ही बदल दिया। किसी समय का ये गवईं खेल अब इलीट खेल के रूप में बदल गया है। किसी समय मिट्टी पर नंगे पैर खेले जाने वाला खेल अब शानदार मैट पर ब्रांडेड जूते पहनकर खेला जाने वाला खेल बन गया है। इसमें अब पैसा और ग्लैमर दोनों का समावेश हो गया है। अब इसमें खिलाड़ी करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। 2022 के ड्राफ्ट में पवन कुमार सहरावत को 2 करोड़ 43 लाख मिले। उसने अब अपने खिलाड़ियों के करोड़पति बनने के सपने को हक़ीक़त में बदल दिया है। कम से कम 5 खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें करोड़ से अधिक मिले। इसके  खिलाड़ी क्रिकेट या फिल्मी सितारों की तरह स्टारडम का स्टेटस पा रहे हैं। अब इसके खिलाड़ी शानदार हेयर और बेयर्ड कट में दिखाई देने लगे हैं। 


अब एक और देशी खेल खो खो की लीग शुरू हो रही है। इसका ड्राफ्ट जुलाई में पूरा हो गया था। और आज से मुकाबले शुरू हो रहे हैं। इस लीग को खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा डाबर इंडिया के साथ 06 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ शुरु किया गया है। ये टीमें हैं-केएलओ स्पोर्ट्स के स्वामित्व वाली चेन्नई क्विक गन्स,जी एम आर स्पोर्ट्स की तेलुगु योद्धाज,ओडिशा प्रदेश सरकार की ओडिशा जॉगरनॉट्स,कापरी ग्लोबल्स की राजस्थान वारियर्स और अडानी स्पोर्ट्सलाइन की गुजरात जायंट्स।

पिछले महीने हुई नीलामी में देश भर के कुल 240 खिलाड़ियों को चार ग्रुप में बांटा गया था। ग्रुप ए में सर्वश्रेष्ठ77 खिलाड़ियों को रखा गया था जिनका बेस प्राइज 5 लाख था। इनमें प्रमुख थे-वाइकर, आंध्र पदेश के पोथिरेड्डी सिवारेड्डी,तमिलनाडु के एम. विग्नेश,कर्नाटक के एम.के. गौतम। महाराष्ट्र के  महेश  शिंदे  ड्राफ्ट किए जाने वाले पहले खिलाड़ी थे जिन्हें क्विक गन्स चेन्नई ने लिया। कुल 143 खिलाड़ी  ड्राफ्ट किए गए हैं।

जब ये लीग शुरू होगी तो कुछ ख़िलाडियों पर सबकी विशेष नज़र रहेगी। देश के सर्वश्रेष्ठ आल राउंडर और पोल डाइवर सिवारेड्डी गुजरात टीम में हैं। वाइकर तेलुगू योद्धाज के पास हैं तो एम के गौतम ओडिशा के पास। विग्नेश चेन्नई टीम में हैं। इसके अलावा चेन्नई के अमित पाटिल,गुजरात जायंट्स के रंजन शेट्टी और अनिकेत पोटे, मुम्बई ख़िलाडीज के  विजय हज़ारे और राजेश कुमार, ओडिशा के दीपेश मोरे और मिलिंद,राजस्थान के अक्षय भारत मजहर जमादार और तेलुगु के प्रज्वल  का शानदार खेल भी आपको देखने को मिलेगा।

दरअसल खो खो खेल में भी कबड्डी की तरह सफल उर लोकप्रिय होने के सभी गुण है। इसमें गति है,एक्शन है और सबसे बड़ी बात एक्शन में एक कंटीन्यूटी है जिसमें विश्राम के लिए कोई जगह नहीं है। एक प्लस ये भी की ये एक बहुत ही कम समय में  खत्म होने वाला खेल है। जिसमें 9- 9 मिनट की दो दो पारियां होती हैं।

इस खेल को आसानी से फॉलो किया जा सकता है। उन लोगों द्वारा भी जिन्होंने इसको नहीं देखा है और इसके बारे में कुछ नहीं जानते हैं। प्रत्येक टीम में 9-9 खिलाड़ी होते हैं। एक टीम चेजर होती है और दूसरी रनर। चेजर टीम के 8 खिलाड़ी दो पोल के बीच निर्धारित समान दूरी पर पर बैठे होते हैं और नवां चेजर एक्टिव रहता है। रनर टीम के खिलाड़ी  तीन-तीन के ग्रुप में मैदान पर पर आते हैं। जब चेजर टीम द्वारा पहले ग्रुप के तीनों को आउट कर दिया जाता है तो दूसरा ग्रुप आता है।इस तरह ये क्रम चलता रहता है। मैच दो पारियों का होता है। प्रत्येक पारी नौ मिनट की होती है। जो टीम विपक्षी टीम के ज़्यादा खिलाड़ियों को आउट करता है,वो जीत जाती है।  

इस बार कुल 34 मैच होंगे। नॉक आउट चरण प्ले ऑफ प्रारूप में खेला जाएगा जिसमें क्वालीफ़ायर और एलिमिनेटर शामिल होंगे। 

मिट्टी पर खेला जाने वाले ये खेल भी अब विशेष रूप से विकसित कृत्रिम मैट पर और डिजायनर ड्रेस में खेला जाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए जिस तरह से 'ले पंगा' के उदघोष के साथ कबड्डी अपने जलवे बिखेर रही है खो खो भी 'इंडिया मार छलांग'के उदघोष के साथ इतनी लंबी छलांग लगाएगा कि किसी के हाथ ना आएगा।


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