Wednesday, 11 July 2018

फुटबॉल विश्व कप 201_2




फुटबॉल विश्व कप 201_2 
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जब आपको ये लगने लगे कि हिन्दुस्तान के हज़ारों हज़ार लोगों की रात की नींद और दिन का चैन उड़ गया है तो परेशां ना हों। दरअसल ये  ये किसी परेशानी का सबब नहीं बल्कि इस बात का संकेत है कि विश्व के सबसे लोकप्रिय खेल का महाकुंभ शुरू हो चुका है।यानि फीफा विश्व कप फाइनल्स का आग़ाज़ हो चुका है।
     रंगमंच तैयार है।पर्दा बस उठने को है।विश्व के कोने कोने से आए चुनिंदा दल अपने हुनर से हैरतअंगेज कारनामे दिखाने को उतावले हैं। जी हाँ,रूस में 14 जून से शुरू होने वाले होने वाले फीफा विश्व कप के इस इक्कीसवें संस्करण में 32 देशों की टीमें अपने खेल कौशल और इसमें महारत का परचम लहराने के प्रयास में अपना सब कुछ झोंक देने के लिए तैयार हैं।अगले एक महीने तक हर दिन 22 जोड़ी पैर 120 मीटर लम्बे और 80 मीटर चौड़े मैदान में एक अदद गेंद को 8 गज चौड़े और 8 फुट ऊँचे गोल पोस्ट के भीतर पहुँचाने की जद्दोजहद में अपना सब कुछ दाँव पर लगाने को तैयार हैं। वहाँ श्रेष्ठता के बोध से गर्वोन्नत यूरोपियन खिलाड़ियों का पॉवर खेल होगा,अलसाई नफासत लिए एशियाई खिलाड़ियों का धीमा खेल होगा,सर्वहारा की चेतना से युक्त दक्षिण अमेरिकी खिलाड़ियों का कलात्मक खेल होगा और घोर अमानवीय परिस्थियों में भी अद्भुत जिजीविषा वाले अफ्रीकी खिलाड़ियों का तेज रफ़्तार वाला आक्रामक खेल भी होगा। वहां जीत होगी तो हार भी होगी। जोश भी होगा,जूनून भी। आँखें ख़ुशी से भी नम होगी और ग़म से भी। मानवीय कौशल की पराकाष्ठा होगी तो तकनीक की श्रेष्ठता के भी दिग्दर्शन होंगे। एक दूसरे से गले मिलते खिलाड़ी होंगे और एक दूसरे पर झपटते प्रतिद्वंदी भी।खेल अधिकारी होंगे ,रैफरी होंगे ,लाइन्समैन होंगे ,कैमरे होंगे ,फ़्लैश लाइटें होंगी ,पत्रकार होंगे और पूरी ताक़त से बाज़ार भी होगा। और इन सबके केंद्र में होगा फ़ुटबाल का खेल और उसकी श्रेष्ठता का प्रतीक फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी। 
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हम भी तैयार हैं 14 जून को रात्रि 10 बजे तीन पुरनियों और एक युवा के साथ आपसे रूबरू होने को। इस बार खेल पत्रिका के मेहमान हैं-ज़नाब जलालुद्दीन खान,प्रेमचंदर,के एम भद्रा और इंद्रनील घोष। क्या आप तैयार हैं ?
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