ना जाने
ये कब
और कैसे हो गया
मुठ्ठी में करते करते आसमां
आसमां सा जीवन
मुठ्ठी सा अदना हो गया
करते करते मुठ्ठी में जहाँ
ये जीवन
खाली मुठ्ठी सा
रीत गया।
पिछले शुक्रवार को राकेश ढौंढियाल सर आकाशवाणी के अपने लंबे शानदार करियर का समापन कर रहे थे। वे सेवानिवृत हो रहे थे। कोई एक संस्था और उस...
No comments:
Post a Comment