इन दिनों पेरिस के रोलां गैरों में ये कमाल का विरोधाभास दर्ज हो रहा है। कल 11 अक्टूबर को पुरुष वर्ग में दो सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी तमाम युवा खिलाड़ियों के जोश और उत्साह को अपने अनुभव के सबक सिखाते हुए और उम्र को धता बताते हुए एक नया इतिहास रचने को तैयार हैं। कल के फाइनल में 34 साल के राफेल नडाल 33 साल के नोवाक जोकोविच के मुकाबिल होंगे। तो वहीं महिला वर्ग में बढ़ती उम्र के तमाम अनुभव को धूल धूसरित करते हुए युवा जोश और टेलेंट सफलता की नई इबारत लिख रहा था। और दो युवा फाइनल में एक दूसरे के मुकाबिल थीं।
आज महिला वर्ग के फाइनल में गैर वरीयता प्राप्त पोलैंड की 19 वर्षीया इगा स्वियातेक और चौथी वरीयता प्राप्त व इस साल की ऑस्ट्रेलियाई ओपन विजेता अमेरिका की 21 वर्षीया सोफिया केनिन आमने सामने थीं। और इस मुकाबले में टीनएजर स्वियातेक,केनिन को 6-4, 6-1 से हराकर नई चैंपियन बन गईं।
ये भी कमाल का संयोग है कि स्वियातेक,केनिन को हराकर एक इतिहास की पुनरावृति कर रही थीं। लगभग चार साल पहले 2016 में स्वियातेक 15 वर्ष की हुई ही थीं और जूनियर फ्रेंच ओपन में पहली बार भाग ले रही थीं। तब तीसरे राउंड में केनिन उनके सामने थीं और उन्होंने केनिन को 6-4 और 7-5 से हराया था। तब से लेकर अब तक सीन नदी में बहुत पानी बह चुका है। स्वियातेक 2018 का जूनियर विम्बलडन का खिताब जीत चुकी थीं तो केनिन इसी साल के आरंभ में ना केवल ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीतकर अपना ग्रैंड स्लैम की जीत का खाता खोल चुकी थीं बल्कि वे विश्व रैंकिंग में 6ठे स्थान पर थीं और यहां पर उन्हें चौथी वरीयता प्राप्त हुई थी। अगर कुछ नहीं बदला तो सिर्फ मैच का परिणाम नहीं बदला। एक बार फिर स्वियातेक जीतीं और ये जीत कुछ और आसान व एकतरफा हो गयी।
स्वियातेक की ये जीत उन्हें यूं ही नही मिल गयी। उन्होंने पहले ही मैच से अपने दमदार खेल से सभी हतप्रभ किया और बहुत आसान व एकतरफा जीत हासिल कीं। उन्होंने फाइनल से पहले के 6 मैचों में बिना कोई सेट खोए केवल 23 गेम हारे। उन्होंने किसी एक मैच में अधिकतम 5 गेम हारे। यहां तक की फाइनल में भी कुल 5 गेम ही हारे। वे चौथे राउंड में 2018 की विजेता और इस बार की संभावित विजेता सिमोन हालेप के विरुद्ध खेल रहीं थीं। उन्होंने अपने पावरफुल खेल से हालेप को 6-1 और 6-2 से हराया तो खेल जानकारों को उनमें इस प्रतियोगिता की संभावित विजेता नज़र आने लगी थी और उन्होंने इसे साबित भी किया।
केनिन ने जब सेमीफाइनल में क्वितोवा को 6-4 और 7-5 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया तो एक संघर्षपूर्ण फाइनल की उम्मीद की जा थी। लेकिन स्वियातेक ने अपने शानदार खेल और कुछ हद तक केनिन की थाई की चोट ने इसे एकतरफा बना दिया। स्वियातेक ने मैच के दूसरे ही गेम में केनिन कई पहली ही सर्विस ब्रेक कर 3-0 की बढ़त बना ली। लेकिन केनिन ने वापसी कर स्वियातेक की सर्विस ब्रेक की और स्कोर 4-4 की बराबरी पर ले आई। लेकिन उसके बाद एक सर्विस और गवां बैठी और सेट भी 6-4 से। ये एक संघर्षपूर्ण सेट था जो 53 मिनट तक चला। लेकिन दूसरा सेट एन्टी क्लाइमैक्स साबित हुआ। जब 2-1 से केनिन पीछे थी तो उन्हें थाई की चोट की वजह से मेडिकल टाइमआउट लेना पड़ा और जब मेडिकल सहायता लेकर वापस लौटी तो अपनी लय खो चुकी थीं। अब स्वियातेक की जीत महज एक औपचारिकता रह गयी थी। स्वियातेक ने दो सर्विस ब्रेक के साथ अगले चार गेम जीतकर सेट और चैंपियनशिप जीत ली। उन्होंने अंतिम 3 में से दो गेम शून्य से जीते और अंतिम तीन गेम में केनिन केवल दो अंक ही जीत सकीं। ये सेट केवल 27 मिनट में खत्म हो गया जिसमें लगभग 8 मिनट मेडिकल टाइम आउट के थे।
इस पूरी प्रतियोगिता के दौरान और विशेष रूप से चौथे राउंड में हालेप के खिलाफ जिस तरह का शानदार खेल उन्होंने दिखाया उसमें सेरेना विलियम्स के खेल की झलक देखने को मिली। शानदार सर्विस,शक्तिशाली फोरहैंड डाउन द लाइन और क्रोसकोर्ट वॉली,खूबसूरत नेट ड्रॉप्स,एफर्टलेस कोर्ट कवरेज में सेरेना के से लगते हैं। उनके खेल की एक कमाल बात ये है कि वे अपने स्ट्रोक्स और विशेष रूप से नेट पर बहुत ही लेट खेलती हैं और इससे उन्हें अपने प्रतिद्वंदी को रॉंग फुट पर पकड़ने में और डॉज देने में आसानी होती है। उन्होंने हालेप को और फाइनल में केनिन को बार बार रॉन्ग फुट पर पकड़ा। कमाल की बात ये है कि शारीरिक रूप से वे आज के पावरफुल खेल की आइकॉन मज़बूत शरीर वाली खिलाड़ियों के उलट बहुत कमनीय और नाजुक सी लगती हैं। उनके खेल में अगर सेरेना की झलक दिखती है तो वे अपने चेहरे की मासूमियत से मार्टिना हिंगिस की याद दिलाती हैं। वे इलीट खेल की इलीट प्रतिनिधि सी लगती हैं और वे प्रॉफेशनल खेल से ज़्यादा एमेच्योर खेल की प्रतिनिधि खिलाड़ी प्रतीत होती हैं। वे नवरातिलोवा के पावरफुल खेल से पहले के क्रिस एवर्ट और स्टेफी ग्राफ के समय की याद दिलाती है।
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दरअसल वे आज के पावरफुल खेल की प्रचंड झुलसती धूप में ताजी हवा का झोंका सी है।
इगा स्वियातेक को पहली ग्रैंड स्लैम जीत मुबारक।
Bahut hi Sundar laga.. Thanks..
ReplyDeleteदिवाली पर निबंध Diwali Essay in Hindi
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Great work
ReplyDeleteBEST RAJASTHAN GK