Sunday 8 September 2019

ये नए के आने और पुराने के जाने की पदचाप है!




ये नए के आने और पुराने के जाने की पदचाप है!
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जिस तरह अभी हाल ही में 13 जून को  कनाडा की टीम टोरंटो रप्टर्स ओकलैंड के ओरेकल अरीना में तीन बार की चैंपियन गोल्डन स्टेट वारियर्स की मेजबान टीम को छठे गेम में हरा कर पहली बार एनबीए का खिताब जीतने के कारनामे को अंजाम दे रही थी,ठीक उसी तरह 19 साल की बियांका अन्द्रीस्क्यु कनाडा के लिए एक और इतिहास रच रही थीं। वे आर्थर ऐश सेन्टर कोर्ट में अमेरिका की सेरेना विलियम्स को 6-3,7-5 से हरा कर केवल अपना पहला ग्रैंडस्लैम ही नहीं जीत रही थीं बल्कि कोई ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली कनाडाई खिलाड़ी भी बन रही थीं। जो हैशटैग #wethenorth रप्टर्स के साथ लोकप्रिय हुआ था वो अब बियांका के लिए #shethenorth के नाम से नए सिरे से ट्रेंड और लोकप्रिय हो चला है।

बियांका केवल एक इतिहास ही नहीं रच रही थीं बल्कि वे फिर फिर इतिहास को दोहरा रही थीं। वे रप्टर्स की तरह अमेरिका में मेजबान प्रतिद्वन्दी को हराकर पहली कनाडाई होने का कारनामा दोहरा रही थीं तो वे पिछले साल के फाइनल को भी दोहरा रही थीं। याद कीजिये 2018 के फाइनल में बियांका की तरह ही युवा ओसाका ने सेरेना को हरा कर उनको 24वां ग्रैंडस्लैम  जीतने से ही नहीं रोका था बल्कि ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली जापानी खिलाड़ी बनी थीं। दोनों बार अनुभव पर जोश भारी पड़ा। जिस समय 1999 में सेरेना ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम जीता था उस समय बियांका ने जन्म भी नहीं लिया था। और ये भी आपके सपने पूरे तभी होंगे जब उन्हें देखोगे और प्रयास करोगे। बियांका प्रेस वार्ता में बता रही थीं कि 15 साल की उम्र में उन्होंने यूएस की जीत की राशि का एक फेक चेक स्वयं से भरकर अपने पास रखा हुआ है तो शायद उन्हें इस बात का अनुमान हो चला था कि जल्द ही 3.5 मिलियन डॉलर राशि का असली चेक भी उनके हाथ आने वाला है।

बियांका की ये जीत इसलिए भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल वे इस प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सकी थीं। लेकिन इस साल फरवरी से वे शानदार फॉर्म में चल रहीं हैं। दरअसल उन्होंने सेरेना को उनके हथियारों से ही मात दी। उन्होंने सर्व और वॉली का शानदार खेल दिखाया। उन्होंने सेरेना की तरह तेज़ सर्विस की और बहुत ही शक्तिशाली फोरहैंड वॉली लगाईं। उन्होंने पहला सेट आसानी से 6-3 से जीत लिया।उसके बाद दूसरे सेट में भी 5-1 से आगे थीं और 40-30 पर चैंपियनशिप के लिए सर्व कर रहीं थीं जिसे सेरेना ने अपने शानदार फोरहैंड शॉट से बचा लिया। इस एक शॉट ने सेरेना में जान डाल दी और सेरेना ने अगले चार गेम जीतकर स्कोर 5-5 की बराबरी पर ला दिया। अब लगा कि सेरेना गेम में वापसी कर चुकी हैं। सेरेना ऐसा पहले कई बार कर चुकी थीं। पर बियांका ने अपना संयम बनाये रखा।उन्होंने अगले दो गेम ही नहीं जीते बल्कि एक इतिहास रचा और एक इतिहास बनने से रोक दिया।युवा जोश से अनुभव हार गया। पुराने ने नए को रास्ता दिया। और पिछले पांच सालों में यूएस चैंपियनशिप को महिला वर्ग में पांचवा चैंपियन मिला।

बियांका को जीत मुबारक!
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तो फिर सेरेना का क्या?

सेरेना के हिस्से एक बार फिर निराशा हाथ लगी! वे एक बार फिर 24वां ग्रैंड स्लैम जीत कर मार्गरेट कोर्ट की बराबरी करने में असफल रहीं। पर वे असफल भर हुईं पिछले तीन बार के तरह। 2017 में बच्चे को जन्म देने के बाद उन्होंने कोर्ट पर वापसी की। इन दो सालों में चार बार ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंची(2018/2019 के विम्बलडन और यूएस ओपन में)पर हर बार हार गईं। वे हारीं,पर हारने से कुछ नहीं होता,हार मानने से होता है। और उन्होंने हार मानी क्या? उन्होंने कहा कि वो फिर लौटकर आएंगी। दरअसल वे अफ्रीकी अमेरिकन समुदाय के संघर्ष और जिजीविषा का प्रतिनिधि चेहरा हैं जिसे उस समुदाय ने अमेरिका में पिछले 500 सालों में रहते हुए दिखाया है। पहले अफ्रीकी अमेरिकन ग्रैंडस्लैम विजेता आर्थर ऐश के नाम वाला ये टेनिस अरीना दरअसल अफ्रीकी अमेरिकनों के जीवन का शाहाकार सा प्रतीत होता है और जब भी कोई अफ्रीकी अमेरिकन वहां खेलता है तो उसके हाथ में थमा रैकेट किसी माउथ ऑर्गन सा लगता है जिससे एफ्रो अमेरिकन के चट्टानी जीवन का ब्लूज संगीत निसृत होता रहता है।

निसंदेह सेरेना चैंपियन खिलाड़ी है। वो एक दिन फिर लौटकर आएगी,चैंपियन की तरह चैंपियन बनकर।
से

सेरेना को शुभकामनाएं!
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तो क्या समय फिर लौट कर आएगा!

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