दरअसल ये उठे हुए हाथ भारतीय बैडमिंटन की सबसे बड़ी आश्वस्ति की तरह हैं कि 'हम हैं ना'.जिस समय साइना अपनी यात्रा का द्रुत पूरा कर चुकी हों और श्रीकांत व सिंधु अपने सम पर आकर द्रुत में आने की लय खोज रहे हों उस समय इस जोड़ी का विलंबित से उठान आपको आश्वस्त करता है कि ऊंचाइयों का एक बेहद खूबसूरत संगीत आपके दिलोदिमाग पर छा जाने वाला है।
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सात्विक-चिराग की जीत मुबारक! हिप हिप हुर्रे!
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