Wednesday, 17 July 2019

जोड़ घटा बाकी


जोड़ घटा बाकी
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मौन की तरलता में
शब्द हैं कि घुले जाते हैं
और अर्थ हैं कि
इश्तेहार की तरह बहे जाते हैं।

कुछ अर्थ अपनी चीख में भी अनसुने रह गए
और दूसरे अर्थ अपने मौन में भी
सबसे ज्यादा सुने गए।

सुने गए अर्थ
जो सबसे भारी थे हवा हो गए रुई की तरह 
और सुने गए सबसे हल्के अर्थ
मन की सबसे भीतरी तहों में 
 दर्ज किए गए चोट की तरह।

बड़ी चोट करने वाले अर्थ निरर्थक पदबंधों की तरह  हल्की खराशों में अभिव्यक्त हुए 
और छोटी चोट वाले अर्थ 
लोकोक्तियों के तरह मर्म पर 
गहरे घाव से अंकित हुए ।

ये दीगर बात है समय के अंतराल में 
सभी ने अपने अर्थ खो दिए 
और एक मौन रिक्तता से 
निशान छोड़ गए 
अपनी विरासत में
पर कहीं दूर से लौट आने वाली अनुगूंज
अभी भी शेष है
उम्मीद की किरण सी
कि उनमें अर्थ लौट आएंगे 
एक दिन।

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