आओ साथी आओ
डाले हाथ में हाथचले साथ
और प्रेम के विरोधियो को
सिखाएं प्रेम का पाठ
आओ चलें चाँद पर
समेट कर वहाँ से लाएँ
ढेर सारी शीतलता
और उससे कर दें शांत
प्रेम विरोधियों की सारी घृणा
आओ चले सूरज के पास
माँग कर वहाँ से लाएँ
ढेर सारी ऊष्मा
और भर दे
प्रेम विरोधियों में प्रेम की गर्मी
आओ चले बृहस्पति के पास
बटोर कर वहाँ से लाएँ
ज्ञान का भण्डार
और सिखा दे
प्रेम विरोधियों को प्रेम के मायने
आओ चलें शुक्र के पास
उतार ले आएं वहाँ से
प्यार की गंगा
और तर्पण कर दे
प्रेम विरोधियों के सारे पूर्वाग्रह और कुंठाएं
आओ चले शनि के पास
सीख कर आएं वहाँ से
थोड़ा सा जादू
और दूर कर दे
प्रेम विरोधियों के मन की सारी कलुषता
आओ चलें तारों के पास
भर कर लाएं वहाँ से
रोशनी की झोली
और उतार दे उसको
प्रेम विरोधियों के दिमाग में
(ताकि देख सकें प्रेम को साफ़ साफ़ )
आओ सिखा दे
प्रेम विरोधियों को
स्वयं सैनिकों को
धर्म विद्यार्थियों को
खाप पंचायतों को
प्रेम करना
और बता दे उन्हें
कि वे भी तो किसी के प्यार की उपज हैं।
No comments:
Post a Comment