तेरा हँसना
सर्द में धूप का खिलना
तेरा मुस्कराना
रात में चांदनी का फैलना
तेरा रोना
सावन में फुहार का गिरना
तेरा रूठना
बादलों का आसमान में घिरना
तेरा बोलना
राग मल्हार को सुनना
तेरा स्पर्श
खुशियों का दामन में सिमट आना
तेरा होना
जीवन में अर्थ का होना ।
दे श में क्रिकेट खेल के 'धर्म' बन जाने के इस काल में भी हमारी उम्र के कुछ ऐसे लोग होंगे जो हॉकी को लेकर आज भी उतने ही नास्टेल्जिक ...
Waah...kya baat hai bhaiya....chhote chhote ehsaas lekin kitne kore...kisi ke liye...
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