Saturday, 17 August 2013

उम्मीद

सोना जरूर सोना

लेकिन इसलिए नहीं कि उम्मीद नहीं 

कोई जगाने  आएगा

सोना इसलिए भी नहीं कि कोई आँख तुम्हारे लिए आंसू नहीं बहाएगी

सोना इसलिए  

कि हर रात के बाद सवेरा होगा

शरद के बाद बसंत आएगा

रुदन के बाद हँसी  आएगी

दुःख के बाद सुख  आएगा

तूफ़ान के बाद शांति होगी

सोना जरूर सोना मेरे दोस्त

जरूर सोना

इस विश्वास के साथ सोना

कि  सवाल के बाद ही उत्तर आता

सोना मेरे दोस्त जरूर सोना। 

Friday, 16 August 2013

माँ तेरा आँचल


         

बाबा की तरेरती आँखों से बचने का कवच तेरा आँचल

घर में आये जाने अनजाने चेहरों से मूँह छिपाने का ठिकाना तेरा आँचल 

 जेठ की तपती दुपहरी में हवा करता बसंती बयार सा तेरा आँचल

 दुःख की धूप में सुख की सी छाया देता तेरा आँचल

 दुनिया की सारी बुरी नज़रों से बचाता वज्र सा कठोर तेरा आँचल

 पर मखमल सा नरम नरम सा मुलायम सा तेरा आँचल

 और शरारतन खाने के बाद हाथ पोछने का गुदगुदाता खिलखिलाता सा

 तेरा आँचल

 माँ तुझे सलाम  

 कसम तेरी माँ , ऐसा कुछ भी नहीं जैसा तेरा आँचल
 !

राकेश ढौंडियाल

  पिछले शुक्रवार को राकेश ढौंढियाल सर आकाशवाणी के अपने लंबे शानदार करियर का समापन कर रहे थे। वे सेवानिवृत हो रहे थे।   कोई एक संस्था और उस...