Monday 20 June 2022

बॉलीवुड गीत_09


एक पल तुमको जो ना देखें

-----------------------------            


सूरज दहक रहा है। ताप से सारी कायनात झुलसी जाती है।


लेकिन जीवन है सुर्ख हुआ पलाश में गमका जाता है। बासंती सा अमलतास पर खिलखिलाता जाता है। मुस्कान सा हरसिंगार से झरता जाता है।


वो इश्क़ से क्या मिला कि फूलों से उड़कर पर्वतों पर हिम सा बिखरने लगा । नदी में पिघलकर पानी सा बहने लगा। चांदनी सा कायनात पर फैलने लगा।


जीवन है कि हुलस हुलस जाता। पर मोहब्बत है कि कुछ उदास उदास हुई जाती है।


जीवन ने मोहब्बत को हौले से छुआ और खुद में समेट लिया। उसकी उदासी अब किसी जादू सी छूमंतर हुई जाती है।


जीवन ने मोहब्बत से कहा 'तेरे होने से कुछ ना होने का ग़म ज़रा सा लगे। कि घर भरा भरा सा लगे।'


जीवन और मोहब्बत हौले हौले एक दूसरे में घुल रहे हैं। वे कहे जाते हैं-'जो इक पल तुमको ना देंखे तो मर जाये हम'।


इरशाद कामिल अपने शब्दों से इक जीवन बुनते हैं और संदेश शांडिल्य संगीत से इश्क़ का इक दरिया बहाते हैं। श्रद्धा मिश्रा और पापोन अपने सुरों की किश्ती में जीवन को पनाह दे उसे इश्क़ के दरिया में क्या उतारते हैं कि लब गुनगुना उठते हैं-


'खो गई है तू मुझमें आ गई तू वहां

मिल रहे हैं जहां पे ख्वाब से दो जहां'



No comments:

Post a Comment

ये हार भारतीय क्रिकेट का 'माराकांजो' है।

आप चाहे जितना कहें कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। इसमें खुशी कैसी और ग़म कैसा। लेकिन सच ये हैं कि अपनी टीम की जीत आपको ...