Tuesday, 10 June 2025

नेक्स्ट जेन चैंपियन: अल्कराज





बीते रविवार को हुए फ्रेंच ओपन के पुरुष वर्ग के फ़ाइनल मैच के बाद की एक वीडियो वायरल हो रही है। इस वीडियो में विजेता कार्लोस अल्कराज सेंटर कोर्ट पर बॉल किड्स के साथ जीत का जश्न मनाते दिख रहे हैं। वे भालू जैसी चाल में किशोरों के समूह के पास आते हैं,उनसे मिलते हैं,उनके साथ उछलते कूदते हैं,गाते हैं,और खुशी से चिल्लाते हैं। खुशी उन सब के चेहरे से छलक छलक जाती हैं। 22 साल का युवा उन किशोरों के साथ किशोर बन जाता है। उसका चेहरा उतना ही निर्दोष,निश्छल और मासूम है जितना उन सब किशोरों का है। जितना किसी बालक का हो सकता है।

से और उसकी बाल सुलभ खुशी देखकर ये अंदाजा ही नहीं लगाया जा सकता है,ये वही युवा है जिसने अभी अभी एक ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है। साढ़े पांच घंटों के मैराथन संघर्ष के बाद। उनके चेहरे पर थकान या कोई शिकन नहीं है। लगता नहीं उन्होंने कुछ ऐसा किया है जो टेनिस के इतिहास में कभी-कभी हुआ करता है। कुछ ऐसा जिसे अब हमेशा के लिए इतिहास के सफ़ों पर दर्ज़ कर लिया गया है।

सा होता है। जब कोई ऐसा काम होता जो अकल्पनीय होता है,अद्भुत होता है,अविश्वसनीय होता है,तो करने वाला असामान्य रूप से इतना सामान्य हो जाता है कि मानो कुछ घटा ही नहीं है। अल्कराज के साथ कुछ ऐसा ही घट रहा था।

याद कीजिए 2022 के ऑस्ट्रेलियन ओपन का फाइनल। राफा ने दो सेट से पिछड़ने के बावजूद 05 घंटे  24 मिनट के कड़े संघर्ष के बाद डेनिल मेदवेदेव को हराकर अपना 21 वाँ ग्रैंड स्लैम जीता था। जब मेदवेदेव ने उनसे पूछा था 'क्या वे थके हैं'। इसका जवाब राफा पांच घंटे चौबीस मिनट का मैच खेलने के बाद लाकर्स रूम के जिम में वर्कआउट करके दे रहे थे। और मेदवेदेव उन्हें 'इनसेन' बता रहे थे। 'इनसेन' अल्कराज उन्हीं       'इनसेन' राफा के मुरीद हैं। वे राफ़ा के सच्चे अनुयाई खिलाड़ी हैं। वे उनकी तरह ही 22 साल की उम्र में अपना पांचवां ग्रैंड स्लैम जीत रहे थे।

रअसल ये फ्रेंच ओपन 2025 का फाइनल इटली के 23 वर्षीय यानिक सिनर और स्पेन के 22 वर्षीय कार्लोस अल्कराज के बीच खेला जाना था। नई पीढ़ी के टेनिस खिलाड़ियों में सबसे प्रतिभावान और होनहार खिलाड़ी हैं। विश्व नम्बर एक और विश्व नम्बर दो। अल्कराज के पास चार और सिनर के पास तीन ग्रैंड स्लैम हैं। हर टेनिस प्रेमी को इतना पता है कि जब भी ये दोनों कोर्ट में आमने-सामने होते हैं तो टेनिस का स्तर बहुत ऊंचा हो जाता है और संघर्ष बहुत तीव्र व सघन। इस फाइनल में भी सबको ऐसी ही उम्मीद थी। और उन्हें निराश नहीं होना था।

सिनर की अल्कराज पर सबसे बड़ी बढ़त उसकी तेज गति की सर्विस है, तो अलकराज की सिनर पर बढ़त अद्भुत गति से गेंद का पीछा करने की क्षमता और ड्रॉप शॉट्स हैं,जो लाल मिट्टी की धीमी सतह पर और भी मारक हो जाते हैं। सिनर जितने शांत होते हैं और संयम के साथ खेलते हैं अल्कराज उतने ही वाचालता और अधीरता के साथ। दरअसल उन दोनों के बीच का मुकाबला पानी और आग का मुकाबला है।

मैच का पहला गेम 12 मिनट चला जिसमें 05 ड्यूस थे। अंततः सिनर अपनी सर्विस होल्ड करने सफल रहे। इस गेम ने ही मैच की टोन सेट कर दी थी। ये आभास होने लगा था कि मैच बड़ा होने जा रहा है। संघर्ष बहुत कड़ा और सघन था। दसवें गेम में अल्कराज की सर्विस ब्रेक हुई और पहला सेट सिनर ने 6-4 से जीत लिया। अब संघर्ष और कठिन हुआ। अगला सेट टाईब्रेक में गया। लेकिन ये सेट भी सिनर ने 7-6(7-3) से जीत लिया। पहले दो सेटों में सिनर इतना तेज़ खेल रहे थे कि उन्होंने अल्कराज को खुलकर खेलने नहीं दिया। वे अपने ड्रॉप शॉट ठीक से नहीं खेल पाए। लेकिन उन्हें बहुत देर तक उन्हें बांधकर नहीं रखा जा सकता था। शेर को कहीं बांधा जा सकता है क्या।

तीसरे सेट के पहले ही गेम में सिनर की सर्विस ब्रेक कर अल्कराज ने अपने इरादे जाहिर कर दिए और सेट 6-4 से जीत लिया। लेकिन सिनर मैच खत्म करने की जल्दी में थे। चौथे सेट में उन्होंने 5-3 गेम और अल्कराज की सर्विस पर 40- 00 अंकों की बढ़त ले ली। सिनर के पास तीन चैंपियनशिप प्वाइंट थे। मैच लगभग खत्म था। इटली में सिनर के विजेता होने का जश्न होने भी लगा था। लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वो एक अजूबा था। खेलों के मैदान पर ऐसे चमत्कार होते हैं। यहां भी हुआ। बहुत से वे लोग भी शायद विश्वास नहीं कर पा रहे होंगे जो सशरीर सेंटर कोर्ट पर उपस्थित थे। अब अल्कराज ने तीन मैच प्वाइंट ही नहीं बचाए बल्कि अगले दोनों सेट जीत कर चैंपियनशिप भी जीत ली। अंतिम स्कोर अल्कराज के पक्ष में था 4- 6,6- 7(4- 7),6- 4,7- 6(7- 3),7-6(10- 2)।


पां
च घंटे और उनतीस मिनट के बाद टेनिस खेल और उसके संघर्ष,उसकी प्रतिद्वंदिता पर लंबी अद्भुत गाथा लिखी जा चुकी थी। ये फ्रेंच ओपन फाइनल की सबसे लंबी गाथा भी थी। एक ऐसी गाथा जिसे साइकोड्रामा कहा गया। दरअसल ये एक साथ कॉमेडी भी थी और ट्रेजेडी भी। ट्रेजिक सिनर। कॉमिक अल्कराज। आखिर इन दोनों में किसी एक को थोड़े ही ना चुना जा सकता है। आप एक साथ दुखी भी हो सकते थे और खुश भी हो सकते थे। एक आंख से खुशी के आंसू बहा सकते थे और दूसरी से दुख के।

टेनिस के इस मैदान पर बीते समय में हमने कुछ महान प्रतिद्वंदिताएं देखी हैं- इवान लैंडल बनाम मेट्स विलेंडर, ब्योर्न बोर्ग बनाम गुलेर्मो विलास जॉन मैकेनरो बनाम आंद्रे अगासी,नडाल बनाम फेडरर,जोकोविच बनाम राफेल नडाल। और अब इस क्रम में एक नई प्रतिद्वंदिता की नींव रखी गई है। ये यानिक सिनर बनाम कार्लोस अल्कराज है।

मने  21 वीं सदी के पहले क्वार्टर में बिग थ्री को देखा है। बिग थ्री - फेडरर, राफा,नोल। उनके टेनिस खेल को देखा है। उनकी महान प्रतिद्वंदियों को देखा है। मैच दर मैच रिकॉर्ड्स को टूटते देखा है। रिकॉर्ड्स को बनते देखा है। टेनिस के खेल को अनंत ऊंचाइयों तक पहुंचते देखा है। अब समय बदल रहा है। पुराने स्मृतियों का हिस्सा बनते जा रहे हैं और नए आंखों में तारे बनकर जगह बनाने लगे हैं। ये उस नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के बीच का पहला फाइनल था जो सन दो हजार के बाद इस दुनिया में आए। जिन्होंने टेनिस के खूबसूरत खेल को खेलना चुना। जिन्होंने उस खेल को और खूबसूरत बनाने की ओर अपने कदम बढ़ाना चुना।

यूं तो रिकॉर्ड बुक, आंकड़े और स्कोर बताते हैं कि इस मैच के विजेता स्पेन के कार्लोस अल्कराज हैं। लेकिन इन आंकड़ों के पार्श्व में लिखी इबारत बताती है और जैसा रोजर फेडरर कहते हैं कि 'इस मैच के तीन-तीन विजेता हैं - अल्कराज,सिनर और टेनिस का खेल'।

ये मैच टेनिस खेल का एक मैच भर नहीं था बल्कि एक बहुत ही खूबसूरत सिंफनी थी जो आने वाले बहुत सालों तक कानों में रस घोलती रहेगी। इन दोनों के स्ट्रोकों से निकली इस सिंफनी की हर बीट दिलोदिमाग में मीठी मीठी दस्तक देती रहेगी।

ये मैच बिग थ्री युग के अवसान की एलीजी है,उसका शोकगीत है,उसका मर्सिया है। ये जाने वाले युग का खूबसूरत विदाई गीत है और नए युग के आरम्भ का उदघोष भी है। ये मैच एक ऐसा खूबसूरत नगमा है जिसे टेनिस खेल को चाहने वाले अनंत समय तक गुनगुनाते रहेंगे।

बधाई अलकराज। धन्यवाद सिनर।



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