ज़िंदगी ---
पल पल कटती जाती
रफ्ता रफ्ता बीतती जाती
यूँ ही गुज़रती जाती
बेसाख़्ता तमाम होती जाती
इस बहुत कुछ होते जाने में
गर कुछ नहीं होता
तो यही कि ज़िंदगी जी नहीं जाती।
आपके पास हजारों तमगे हो सकते हैं,पर कोई एक तमगा आपके गले में शोभायमान नहीं होता है। हजारों जीत आपके खाते में होती हैं, पर कोई एक जीत आपके...
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