Tuesday, 15 July 2025

इगा और अमांडा

 


यूं तो खेल की समाप्ति के बाद जीत की खुशी और हार के गम को मैदान का आधा आधा हिस्सा शेयर कर लेना चाहिए। लेकिन ऐसा होता नहीं है। जीत के रंग इस कदर प्रबल और चमकीले होते हैं कि हार के रंग स्वतः निस्तेज और क्षीण हो जाते हैं कि उनकी उपस्थिति या तो महसूस नहीं होती या फिर उसका हल्का सा आभास भर होता है। लेकिन कोई एक ऐसा 'खेल' होता है जब हार का दुख इतना कातर और असहाय हो जाता है कि आप उसे जीत की खुशी जितना ही लक्षित करते हैं। यहां जीत और हार की अनुभूतियां समान रूप से मैदान शेयर कर रही होती हैं।

बीते शनिवार की शाम साल 2025 के विंबलडन महिला एकल का फाइनल एक ऐसा ही दृश्य बना रहा था जिसमें जीत की खुशी से अधिक हार का दुःख लक्षित किया जा रहा था। 

ये फाइनल पोलैंड की इगा स्वियातेक और अमेरिका की अमांडा एनीसिमोवा के बीच खेला गया। इगा अपने पहले विंबलडन और कुल मिलाकर छठे ग्रैंड स्लैम खिताब और अमांडा अपने पहले ग्रैंड स्लैम खिताब के लिए सेंटर कोर्ट पर आमने सामने थीं। एक बड़े और कड़े मुकाबले की उम्मीद धरे लोग मैदान में ही नहीं थे बल्कि अपने टीवी स्क्रीन पर भी आंखे गड़ाए थे। 

स मुकाबले के कड़े होने की उम्मीद रखने के कुछ वाजिब कारण भी थे। दोनों ने शानदार तरीके फाइनल तक का सफ़र तय किया था। इगा बहुत ही आसानी से सेमीफाइनल में बेनसिच को  6-0,6-2 से हराकर फाइनल में आई थीं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में केवल एक सेट गंवाया था,दूसरे दौर में अमेरिका की मैकनेली के खिलाफ। हालांकि वे क्ले कोर्ट की विशेषज्ञ खिलाड़ी मानी जाती हैं और उनके पांच में से चार ग्रैंड स्लैम खिताब  फ्रेंच ओपन ही हैं। वे शक्तिशाली और तेज शॉट्स के लिए भले ही ना जानी जाती हों, लेकिन टॉप स्पिन की माहिर खिलाड़ी हैं और उनके खेल की ताकत भी।

दूसरी और अमांडा अपने पावरफुल हिटिंग के लिए ही जानी जाती हैं। विशेष तौर पर डबल बैकहैंड स्ट्रोक्स के लिए। सेमीफाइनल में उन्होंने विश्व नम्बर एक एरीना सबालेंका को  6-4,4-6,6-4 से हराया था। सबालेंका अभी फ्रेंच ओपन जीतकर यहां आई थीं और पावर हिटिंग के लिए जानी जाती हैं। उनके ग्राउंड स्ट्रोक्स इतने शक्तिशाली होते हैं कि वे पुरुष खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करती दिखाई देती हैं। सबालेंका पर इस जीत ने अमांडा से उम्मीदें बढ़ा दी थीं और फाइनल की संभावित विजेता समझी जाने लगी थीं।

ब एक संघर्षपूर्ण और रोमांचक फाइनल की उम्मीद हो चली थी। लेकिन हुआ एंटी क्लाइमेक्स।  इगा अमांडा को केवल 57 मिनट में  6-0,6-0 से हराकर 114 साल पहले के एक इतिहास को दोहरा रही थीं जब इसी मैदान पर 1911 में डोरोथी लैंबर्ट चैंबर ने डोरा बूथबी को इसी स्कोरलाइन  से हराया था। ऐसा ही कुछ ओपन ईरा में 1988 में फ्रेंच ओपन में हुआ जब स्टेफी ग्राफ ने नताशा ज़्वेरेवा को एक भी गेम नहीं जीतने दिया था। 

रअसल अमांडा का ये पहला ग्रैंड स्लैम फाइनल था। वे उसके दबाव को हैंडल नहीं कर पा रही थीं और इगा की शानदार टॉप स्पिन को भी। कोढ़ में खाज ये कि वे अपनी पहली सर्विस भी नहीं सम्भाल पा रहीं थीं और अपने पावरफुल स्ट्रोक्स भी। जैसे जैसे खेल आगे बढ़ रहा था,वे एक गेम जीत लेने के भर के लिए व्याकुल होने लगी। जितनी ज्यादा उतनी व्याकुलता बढ़ती जाती,उतनी ही ज्यादा वे बेज़ा गलतियां करती जाती और हार की तरफ बढ़ती जाती,उतनी ही ज्यादा बेबस और असहाय नजर आती। ट्रॉफी प्रेजेंटेशन के दौरान उनकी आंख से बहता पानी ही नहीं,बल्कि खेल के दौरान उनकी भीगी आँखें सारी कहानी बयां करने के लिए काफी हैं।

विंबलडन के इस मैदान पर केवल दो रंगों का विशेषाधिकार है। उस शनिवार भी। सफेद और हरे रंग का। बाकी किसी रंग का इसमें प्रवेश निषेध है। मानो ये दो रंग मैच दर मैच जीतने और हारने वाले खिलाड़ियों के प्रतिनिधि रंग हों। हरा रंग जीत की खुशी से समृद्ध होते खिलाड़ी का और सफेद हारे खिलाड़ी की उदासी का। हार जीत के खेल में बाकी रंग की गुंजाइश ही कहां बचती है। 

विंबलडन के इस मैदान पर पराजय की पीड़ा से उपजी उदासी चाहे जितनी गहरी रहती आई हो,उसमें संघर्ष की एक सम्मानजनक चमक हमेशा रहती आई है। लेकिन इस फाइनल में संघर्ष के अभाव में हार के दुख से उपजी उदासी इतनी गहरी थी कि सफेद रंग इस कदर मटमैला हुआ जाता था जितना इससे पहले कभी ना हुआ था।

मय बलवान होता है। नहीं तो क्या कारण है कि केवल 48 घंटों में एक खिलाड़ी अर्श से फर्श पर आ खड़ा होता है। गुरुवार की रात को जो खिलाड़ी नंबर को हराकर उत्कर्ष के चरम पर थी वो  दो दिन बाद पतन के अपकर्ष पर पहुंच जाती है। वहीं एक दूसरी खिलाड़ी महीने भर पहले संभावित विजेता होते हुए भी उस प्रतियोगिता से चौथे चक्र में ही बाहर हो जाती हैं जिसे उसने चार- चार बार जीता था। लेकिन ठीक एक महीने बाद ही वो एक ऐसे टूर्नामेंट को जीतकर शीर्ष पर पहुंच जाती है जिसे उसके लिए फेवरेट समझा ही नहीं जाता।

लेकिन समय ऐसा ही होता है। मनमौजी। पल में माशा,पल में तोला।

फिलहाल तो इगा को पहला विंबलडन और छठा ग्रैंड स्लैम खिताब मुबारक।

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