' हंसती हुई स्त्री '
और ' रोता हुआ पुरुष '
जीवन के दो सुंदर दृश्य हैं
जब स्त्री की दंतपंक्तियों से
पुरूषों की सी आजादी
और आदमी की आंखों से
स्त्री के से दुःख
झरते हैं।
आपके पास हजारों तमगे हो सकते हैं,पर कोई एक तमगा आपके गले में शोभायमान नहीं होता है। हजारों जीत आपके खाते में होती हैं, पर कोई एक जीत आपके...
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