Thursday, 8 August 2024

पेरिस ओलंपिक 2024_17

 




पेरिस ओलंपिक में कल का दिन भारत के लिए इससे पहले के ग्यारह दिनों से कुछ हट कर था। कुछ अलग था। अलग इस मायने ये दिन पूरी तरह से निराशा से भरा था। और दिन कोई खिलाड़ी कुछ तो आगे बढ़ता था। कोई तो जीत भारत के हिस्से आती थी। लेकिन कल हार और केवल हार भारत के हिस्से में आई। और इतना ही नहीं, हाथ आई जीत,हाथ आया पदक भी वापस चला गया। ये दिन भारतीय खेल इतिहास में एक ऐसे दिन के रूप में रूप में दर्ज हो गया जो हमेशा याद किया जाएगा लेकिन नकारात्मक कारणों के लिए।

सबसे पहले कुश्ती। पूरा भारत जब 06 अगस्त की रात को सोया तो उसके हाथ एक चांदी का तमगा भी था जो 07अगस्त की रात को सोने का भी हो सकता था। लेकिन जब वे सात तारीख को सुबह उठे तो वो तमगा ही उनके हाथ से गायब हो चुका था। ये बहस का विषय भी हो सकता है और जांच का भी कि आखिर पदक हाथ से गायब हुआ  क्यों।

हुआ यूं कि भारतीय रेसलर विनेश फोगाट छह अगस्त को तीन शानदार बाउट लड़कर महिलाओं के 50 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल में पहुंच चुकी थीं। सात को उनका फाइनल होना था। जिसमे उनके जीतने की प्रबल संभावना थी। लेकिन सुबह जब उनका वजन हुआ तो वो निर्धारित वजन से सौ ग्राम अधिक निकला और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसकी घोषणा करते हुए IOA ने एक बयान में कहा, “यह दुख की बात है कि भारतीय दल महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित किए जाने की खबर साझा कर रहा है। रात भर टीम के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उसका वजन 50 किलोग्राम से कुछ ग्राम अधिक था।"

नियम के अनुसार अब वे उस वेट कैटेगरी में सबसे नीचे रखी जाएंगी। ये भारतीय खेल इतिहास की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। ये घटना अपने पीछे एक बड़ा सा प्रश्न चिह्न छोड़ गई है कि सारे डॉक्टर्स,डाईटीशियन और कोच के होते हुए भी ये कैसे संभव हुआ।

फिलहाल विनेश फोगाट ने अंतर्राष्ट्रीय खेल पंचाट में अपील की है कि उन्हें रजत पदक दिया जाए। उसका निर्णय कल यानी नौ अगस्त को आएगा। उधर इस घटना से विनेश फोगाट बेहद निराश दिखी और कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखते हुए इस की सूचना दी। उन्होंने लिखा  - “माँ कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ़ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 . मैं आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी। माफी।"

अब इस वर्ग में जापान की युई सुसाकी और यूक्रेन की ओक्साना लिवाच,जो विनेश फोगाट से हार गईं थीं,कांस्य पदक मैच में आमने-सामने होंगी।

जबकि सेमीफाइनल में हारने वाली क्यूबा की युसलेसिन गुजमान लोपेज अब फाइनल में पिछले टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ कुश्ती लड़ेंगी।

एक अन्य मुकाबले में भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल 53 किग्रा फ्रीस्टाइल स्पर्धा के राउंड ऑफ 16 में तुर्की की जेनेप येटगिल से हार गईं। पांच बार की अंडर 23 यूरोपीय चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता तुर्की रेसलर ने पहले राउंड में ही तकनीकी श्रेष्ठता के आधार 10- 0 से जीत हासिल कर ली। येतगिल अगर फाइनल में पहुंचती हैं, तो पंघाल अभी भी रेपेचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक जीत सकती हैं।

भारोतोलन में भारत की पदक की एक आस मीराबाई चानू से थी। लेकिन कल वे भी महिलाओं की 49 किग्रा स्पर्धा में मामूली अंतर से पदक हासिल करने से चूक गईं और वह चौथे स्थान पर रहीं। पेरिस के साउथ पेरिस एरिना में उन्होंने कुल 199 किग्रा (88 किग्रा स्नैच + 111 किग्रा क्लीन एंड जर्क) वजन उठाया।

उन्होंने स्नैच में पहले ही प्रयास में 85 किग्रा का वजन उठाकर बेहतरीन शुरुआत की। पर अगले  प्रयास में वह 88 किग्रा का वजन उठाने में असमर्थ रहीं। इसे उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में उठाया। क्लीन एंड जर्क में 111 किग्रा वजन के बाद 114 किग्रा का प्रयास किया जिसमें वे असफल रहीं।

इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की होउ झिहुई ने जीतकर अपने खिताब की रक्षा की। उन्होंने कुल 206 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 117 किग्रा वजन उठाकर ओलंपिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। रोमानिया की मिहेला वैलेंटिना कैम्बेई ने कुल 205 किग्रा के साथ रजत पदक और थाईलैंड की सुरोदचाना खंबाओ ने 200 किग्रा भार के साथ कांस्य पदक जीता।

एथलेटिक्स में भी सनी भारतीय एथलीटों ने खासा निराश किया। अविनाश साबले पुरुषों के 3000 मीटर स्टीपलचेज फाइनल में 11वें स्थान पर रहे।

उन्होंने 8:14.18 का समय निकाला। मौजूदा एशियाई खेलों के चैंपियन 1000 मीटर के बाद चौथे स्थान पर थे, लेकिन धीरे-धीरे वे पछड़ते चले गए और 2000 मीटर पर करते करते पहले 10 से बाहर हो गए। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक मोरक्को के सौफियान एल बक्काली ने 8:06.05 के सीजन के सर्वश्रेष्ठ समय के साथ जीता। उन्होंने टोक्यो में भी स्वर्ण पदक जीता था। यूएसए के केनेथ ब्रूक्स ने 8:06.41 के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ रजत पदक जीता। जबकि केन्याई धावक अब्राहम किबिवोट ने 8:06.47 के समय के साथ कांस्य पदक जीता।

महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में भारतीय की ज्योति याराजी हीट में 13.16 सेकेंड के समय के साथ सातवें स्थान पर रहीं और सेमीफाइनल के लिए सीधे क्वालीफाई नहीं कर पाईं। याराजी के पास कल रेपेचेज राउंड में एक और मौका होगा।

त्रिकूद में भारत के प्रवीण चित्रवेल और अब्दुल्ला अबूबकर फाइनल में जगह नहीं बना सके।

चित्रवेल ने अपने दूसरे प्रयास में 16.25 मीटर छलांग के साथ चित्रवेल ग्रुप में 12वें और कुल मिलाकर 27वें स्थान पर रहे। जबकि दूसरे ग्रुप में अबूबकर 16.49 मीटर की छलांग के साथ 13वें स्थान पर और कुल मिलाकर 21वें स्थान पर रहे।

महिलाओं की जेवलिन थ्रो में भारत की अन्नू रानी भी फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी हैं। क्वालिफिकेशन राउंड में उनका बेस्ट थ्रो 55.81 मीटर का था। वे ग्रुप में 15वें स्थान पर रहीं।

ऊंची कूद में भारत के स्वप्निल कुशारे प्रतिभाग कर रहे थे। उनकी बेस्ट कूद 2.15 मीटर की रही और ये दूरी उन्हें फाइनल में ले जाने में असमर्थ थी।

गोल्फ की महिला स्पर्धा में भारत की दीक्षा डागर अच्छा खेला। उन्होंने   1-अंडर 71 का स्कोर दर्ज किया और पहले दिन के खेल के बाद वे  टी - 7वें स्थान पर हैं। जबकि टोक्यो ओलंपिक में मामूली अंतर से पोडियम से चूकने वाली अदिति अशोक इवेन पार 72 के स्कोर के साथ  T 13वें स्थान पर हैं। मेजबान फ्रांस की सेलीन बाउटियर शानदार 7-अंडर 65 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर हैं।

महिलाओं की टेबल टेनिस टीम स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में भारत की महिला टीम जर्मनी से 1-3 से हार गई। श्रीजा अकुला व अर्चना कामथ युगल मैच और मनिका बत्रा एकल मैच हार गईं। इससे भारत 0-2 से पिछड़ गया। लेकिन तीसरे मैच में भारत की अर्चना कामथ ने जर्मनी की शान जियाओना को हराकर स्कोर 1-2 कर दिया। पर चौथे मैच में जर्मनी की एनेट कॉफमैन ने जीत हासिल कर भारत को 3-1 से हरा जर्मनी को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया।

पदक तालिका में कल 12वें दिन की समाप्ति पर भी अमेरिका शीर्ष पर बना हुआ है। उसने कुल 94 पदक जीते हैं जिसमें 27 स्वर्ण, 35 रजत और 32 कांस्य पदक शामिल हैं। दूसरे स्थान पर चीन बना हुआ है। उसने 25 स्वर्ण 23 रजत और 17 कांस्य पदक सहित कुल 65 पदक जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है। उसने 18 स्वर्ण 12 रजत और 11 कांस्य पदक सहित कुल 41 पदक जीते हैं। जबकि मेज़बान फ्रांस अब चौथे स्थान पर है। उसने 13 स्वर्ण 17 रजत और 21 कांस्य सहित कुल 51 पदक जीते हैं। भारत तीन कांस्य पदकों के साथ 67वें स्थान पर खिसक गया है।

चलते चलते ये कि

एक,क्यूबा के पहलवान मीजेन लोपेज़ ने ग्रीको रोमन शैली के सुपर हैवी वेट वर्ग में लगातार 5वें ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर एक इतिहास रच दिया है। ऐसा करने वाले ओलंपिक इतिहास के पहले एथलीट बन गए हैं।  उन्होंने अपना पहला स्वर्ण पदक 2008 के बीजिंग ओलंपिक में जीता था। स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने अपने जूते रिंग में छोड़कर अपने रिटायरमेंट की घोषणा की।

दो,डेनमार्क के सार्वकालिक महानतम एथलीट मोंडो डूपलांटिस ने पुरुषों की पलट वाल्ट स्पर्धा में नया स्पर्धा और विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पोल के सहारे 6.25 मीटर की छलांग लगाई। इस स्पर्धा का रजत अमेरिका के केंड्रिक्स ने जीता। उनकी छलांग 5.95 मीटर की रही। जबकि 5.90 मीटर ऊंची कूद के साथ ग्रीस के करातिस करालिस ने कांस्य पदक जीता।



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