Tuesday 12 June 2018

लाल बजरी के चक्रवर्ती सम्राट का अश्वमेध यज्ञ जारी है







              लाल बजरी के चक्रवर्ती सम्राट का अश्वमेध यज्ञ जारी है 
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                         कई बार किसी व्यक्तित्व और उसकी उपलब्धियों के लिए बड़े शब्द भी अपूर्ण से लगने लगते हैं। जब आप राफेल नडाल को 'किंग ऑफ़ क्ले' कहकर सम्बोधित करते हो तो किंग शब्द ही छोटा महसूस होने लगता है।खेल की दुनिया में और खासकर टेनिस की दुनिया में 'राफा' और 'क्ले' एक दूसरे के पूरक हैं। एक है तो दूसरा है। एक के बिना मानो दूसरे का कोई अस्तित्व ही नहीं।  मोंटे कार्लो से लेकर पेरिस के रोलां गैरों तक लाल /भूरी मिट्टी पर खेल का जो साम्राज्य है,दरअसल राफेल नडाल उसके चक्रवर्ती सम्राट है। एक ऐसा अपराजेय सम्राट जिसकी कीर्ति चारों दिशाओं में फ़ैली है और जिसने अपनी इस कीर्ति को अनंत समय तक बनाये रखने के लिए एक अश्वमेध यज्ञ शुरू किया हुआ है। इस यज्ञ का अश्व यानी उनका खेल निर्मुक्त निर्द्वन्द समय की सीमाओं को लाँघता चला जा रहा है जिसे बांधने की शक्ति या हुनर किसी में है ही नहीं।
                          11 फ्रेंच ओपन,11मोंटे कार्लो ओपन,11 बार्सेलोना,8 रोम मास्टर्स और डेविस कप के क्ले पर खेले हर मैच में जीत। ये आंकड़े अपने आप में अविश्वसनीय लगते हैं। फ्रेंच में उनका रिकॉर्ड 86-2  का है यानी यहां खेले 86 में से केवल 2 मैच हारे। इस रविवार जब वे फिलिप कार्टियर कोर्ट में डोमिनिक थिएम के खिलाफ फाइनल खेलने उतरे तो ये उम्मीद थी कि ये एक ज़ोरदार मुक़ाबला होगा क्योंकि पिछले दो सालों में क्ले कोर्ट में जिस खिलाड़ी से दो बार हारे वो और कोई नहीं थीएम ही थे। पिछले साल रोम मास्टर्स में और इस बार मेड्रिड ओपन में। लेकिन अपने 11वे फ्रेंच आपने ग्रैंड स्लैम के लिए उन्होंने थीएम को 64,6-3,6-2 से लगभग रौंद ही डाला। 

                स्पेन एक ऐसा देश है जिसमें एक लाख से भी ज़्यादा क्ले कोर्ट हैं।वे बचपन से उस पर खेलते आये हैं। आखिर मिट्टी पर खेल नडाल के खून में जो है। वे उस मिट्टी के कण कण से वाक़िफ़ हैं।वे उसमें और मिट्टी उनमे रच बस गयी है। इसीलिए उसके मिज़ाज़ को उनसे बेहतर कौन समझ सकता है। उसका व्यवहार ही उन्हें और उनके खेल को रास आता है। मिट्टी की सतह पर घास या कृत्रिम सतह की तुलना में रूक कर थोड़ा धीमी आती है। जिससे उनकी चपलता और फुर्ती को गेंद पर नियंत्रण बनाने में आसानी होती है और उसके बाद वे अपने ट्रेडमार्क मारक टॉप स्पिन फोरहैंड शॉट खेलते हैं। टॉप स्पिन गेंद टप्पा खाने के बाद तेजी से आगे की ओर स्किट करती है और थोड़ा ज़्यादा ऊंची भी आती है जिसका कोई जवाब विपक्षी खिलाड़ी के पास नहीं होता। वे ना गेंद को और ना खेल को नियंत्रित कर पाते हैं। लाल सतह पर राफा के नियंत्रण को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि 17 और 18  में फ्रेंच ओपन में केवल एक सेट खोया इस साल के क्वार्टर फाइनल में स्वार्त्ज़मान के खिलाफ। दरअसल उनका खेल इतना लयबद्ध होता है मानो अपने इस कभी ना ख़त्म होने वाले अश्वमेध यज्ञ में मंत्रोचार कर रहे हों। उनके खेल की आभा सूरज की तरह इतनी दीप्त होती है कि उसकी रोशनी में बाकी कुछ नहीं सूझता।  
    











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