Thursday 24 August 2017

विदा रूनी




विदा रूनी

                 इंग्लैंड के स्टार फ़ुटबाल खिलाड़ी और देश के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले फॉरवर्ड वायने रूनी ने जब कल अचानक अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं को विदा कह दिया,बावजूद इसके कि टीम मैनेजर गेरेथ साउथगेट ने कहा कि आपको माल्टा और स्लोवाकिया के विरुद्ध होने वाले विश्व कप क्वालीफायर मैचों के लिए टीम में शामिल किया जा रहा है, तो सबसे पहले यही बात दिमाग में आई कि क्या आप भारत में इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि टीम मैनेजर कहे आपकी टीम को ज़रुरत है और आप अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं को विदा कह दें। और वो भी इसलिए कि आप को लगने लगे कि आप अपने चयन के साथ न्याय नहीं कर सकते और अब अपना सौ फीसदी नहीं दे सकते। यहां तो खिलाड़ी उस समय तक खेलते रहते हैं जब तक उन्हें प्रबंधन द्वारा कह नहीं दिया जाता कि आप सम्मानपूर्वक विदा ले लीजिये या फिर उन्हें धकिया कर बाहर ही नहीं कर दिया जाता। सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं हर क्षेत्र में यही हाल है। अब सिनेमा को लीजिये। पचास के ऊपर हुए अभिनेता भी तब तक रोमांटिक युवा किरदार निभाना नहीं छोड़ते जब तक जनता उनकी फिल्मों को धोबी पछाड़ दाँव लगाकर मिट्टी नहीं सुंघा देती। 
                                               31 वर्षीय रूनी भले ही आपको लीजेंड ना लगे। भले ही वो एलन शीयरर,गैरी लिनेकर,बॉबी चार्लटन,शिल्टन या डेविड बेकहम जैसा महान खिलाड़ी ना लगे। पर सच्चाई ये है कि वो इंग्लैंड की तरफ से खेलने वाला सबसे शानदार खिलाड़ी था जिसने देश के लिए 119 मैचों में से 71 जीते 29 ड्रा किए और 19 में हारे। इन मैचों में कुल 53 गोल किए।इंग्लैंड के लिए रिकार्ड सबसे ज़्यादा। 2003 में जब वो ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध मैदान में उतरा तो 17 साल और 111 दिन का देश के लिए खेलने वाला सबसे कम उम्र का खिलाड़ी था। अगले साल युरो कप में खेला और बुलंदियों को छूने लगा। कहा जाता है अगर उसे क्वाटर फाइनल में चोट ना लगी होती तो इंग्लैंड उस साल यूरो कप विजेता होता। उसके खेल में शक्ति और कला का बेहतरीन संगम था। वो निर्द्वन्द होकर खेलता था। उसने ब्रिटेन और यूरोप के सभी खिताब जीते। लेकिन ये उसकी सबसे बड़ी त्रासदी है कि वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सका।दरअसल उसने तीन विश्व कप के 11 मैचों के केवल एक गोल किया। 2014 में ब्राज़ील में पैराग्वे के खिलाफ।यही वो एक वजह है वो महान ब्रिटिश खिलाड़ी चार्लटन जिसके नाम एक विश्व कप है से एक पायदान नीचे खड़ा दिखायी देता है। 
                        भले ही उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर वो प्रसिद्धि ना मिली हो जिसकी हक़दार उसकी प्रतिभा थी पर ये तय है कि वो ब्रिटेन की ओर से खेलने वाला सबसे शानदार खिलाड़ियों में शुमार रहेगा। 2018 में रूस में तुम्हारी कमी महसूस होगी और तुम शिद्दत से याद आओगे। विदा रूनी।  






          

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