Monday, 29 July 2024

पेरिस ओलंपिक 2024_07:पहला पदक

मनु का ये पदक तीन साल देरी से आया है। आप इसे यूं भी कह सकते हैं कि आपको समय से पहले और किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता। पर मनु का मामला सिर्फ किस्मत का खेल भर नहीं है। ये मानवीय अहंकार,ईर्ष्या,पक्षपात और कुप्रबंधन की वजह से भी है। टोक्यो ओलंपिक में शूटर्स का खराब प्रदर्शन उनका चोकर्स होना नहीं था,बल्कि खिलाड़ियों और स्टाफ के बीच में सब कुछ ठीक नहीं होना था।

नु लगातार पक्षपात का शिकार रही है और दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम में उसके साथ क्या कुछ हुआ था,टोक्यो को उसी क्रम में संज्ञान में लेना चाहिए। इस बात को समझना चाहिए कि ओलंपिक जैसे इवेंट में पिस्टल का जाम हो जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना भर ही थी क्या? 

हिंदुस्तान में खेल प्रबंधन दंभी और अहंकारी लोगों का मजमा है जिसके खिलाफ बोलने वालों का हश्र दुनिया में देश का सीना गर्व से ऊंचा करने वाले श्रेष्ठ पहलवानों जैसा हो सकता है और भारतीय जनता इसे राजनीति कहकर विरोध कर सकती है। इसीलिए हर कोई खुलकर सच्चाई बयान नहीं कर पाता बल्कि वो मनु की तरह खेल क्विट करने का निर्णय भी कर सकते हैं।

लेकिन ये लड़कियां आंसू बहाने वाली और खुद को विक्टिम दिखाने वाली नहीं बल्कि खुद को प्रूव करने वाली हैं। वे प्रतिभाशाली भी हैं और हिम्मती भी।
००००००००
जियो मनु। हमें गर्व है आप पर।



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