एक ऐसे लम्हे की जिसकी कि ज़िंदगी में सबसे अधिक शिद्दत से चाहत होती है वो अक्सर हाथ में आ-आ कर फिसल जाता है। वो लम्हा जितना दूर भागता है उसे पाने की चाहत उतनी ही बढ़ती जाती है और उसे पाने के प्रयास भी उसी अनुपात में बढ़ते जाते हैं। अंततः उस लम्हे को आना ही होता है। और जब वो लम्हा आता है तो पूरी कायनात उसे ठहरी ठहरी सी लगती है। आज जब रोलाँ गैरों की लाल मिट्टी पर खेलते हुए नोवाक जोकोविच के प्रतिद्वंदी एंडी मरे ने चौथे सेट के दसवें गेम की उस अंतिम लेकिन लम्बी रैली बॉल को नेट में मार कर ख़त्म किया तो निश्चित ही नोवाक के लिए वो लम्हा थम सा गया होगा और सारी की सारी कायनात ही उन्हें थमी-थमी सी लग रही होगी। 2012,2014 और 2015 के फाइनल के बाद उनकी आँख से निकला नमक का पानी इस बार शहद से मीठे पानी में तब्दील हो गया होगा जो रोलाँ गैरों में अब तक की असफलताओं पर मरहम सा महसूस हो रहा होगा। किसी भी टेनिस खिलाड़ी के लिए चारों ग्रैंड स्लैम-ऑस्ट्रेलियन,फ्रेंच,विंबलडन और अमेरिकन प्रतियोगिता जीत लेना एक सपना होता है।नोवाक का भी था। इन प्रतियोगिताओं में सबसे कठिन फ्रेंच ओपन ही है जो मिट्टी की धीमी सतह पर खेली जाती है।11 ग्रैंड स्लैम जीत चुके नोवाक के लिए मस्केटियर ट्रॉफी बार बार हाथ में आते आते रह जाती थी।यहां वे तीन बार फाइनल में पहुँच कर हार गए। दरअसल ये एक ऐसी जीत है जो अकेले उनके 11 खिताबों के बराबर है।मस्केटियर ट्रॉफी हाथ में लेकर जब वे कह रहे थे कि "ये मेरे कैरियर का सबसे उम्दा क्षण है" तो वे कुछ ऐसा ही कह रहे थे। किसी भी जीत के बाद वे आज सबसे संयत और संतुष्ट नज़र आ रहे थे। बिलकुल ऐसे जैसे ज़िंदगी की सबसे बड़ी मुराद पूरी हो गयी हो। फिलहाल नए फ्रेंच ओपन चैंपियन का स्वागत।
Sunday, 5 June 2016
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
एक जीत जो कुछ अलहदा है
आपके पास हजारों तमगे हो सकते हैं,पर कोई एक तमगा आपके गले में शोभायमान नहीं होता है। हजारों जीत आपके खाते में होती हैं, पर कोई एक जीत आपके...

-
हर शहर का एक भूगोल होता है और उस भूगोल का स्थापत्य ये दोनों ही किसी शहर के वजूद के लिए ज़रूरी शर्तें हैं। इस वजूद की कई-कई पहचानें होती है...
-
प्रिय भाई कैलाश और पंकज भाई आप लोगों को पता चल ही गया होगा कि वसंत आ चुका है। जब शहर में रहने वालों को पता चल गया है कि वसंत आ गया है तो आ...
-
आप चाहे जितना कहें कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। इसमें खुशी कैसी और ग़म कैसा। लेकिन सच ये हैं कि अपनी टीम की जीत आपको ...
No comments:
Post a Comment