ये क्या गजब हुआ
कयामत हो गई
और उन्हें पता ही नहीं चला
ना पहले सी नफरत रही
ना पहले सी मोहब्बत
इक वो हैं कि
उन पर कोई असर ही ना हुआ।
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किसी का भाव निरपेक्ष हो जाना ही तो सबसे बड़ी सज़ा है
आप चाहे जितना कहें कि खेल खेल होते हैं और खेल में हार जीत लगी रहती है। इसमें खुशी कैसी और ग़म कैसा। लेकिन सच ये हैं कि अपनी टीम की जीत आपको ...
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